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Happy Birthday Abhay Deol इन किरदारों में दिखे Abhay Deol के अलग-अलग रंग,पढ़े पूरी खबर 

 

अभय देओल बॉलीवुड के उन अभिनेताओं में से एक हैं जिन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन उन्हें कभी स्टार का दर्जा नहीं मिला। हालांकि अपनी एक्टिंग के दम पर वह दर्शकों को अपना फैन बनाने में कामयाब रहे। अभय ने डायरेक्टर इम्तियाज अली की फिल्म 'सोचा ना था' से बॉलीवुड में डेब्यू किया था। अभय 15 मार्च को अपना 47वां बर्थडे सेलिब्रेट कर रहे हैं। आइए आपको बताते हैं उनके 5 बेहतरीन किरदारों के बारे में।


'देव डी'
2009 में आई फिल्म 'देव डी' में अभय की एक्टिंग के दर्शक कायल हो गए थे। इस फिल्म से उनका बॉलीवुड में कद और बढ़ गया। अनुराग कश्यप इसके डायरेक्टर थे। फिल्म में अभय ने देवेंद्र सिंह उर्फ देव नाम के युवक का किरदार निभाया था, जो पारो को भूलने के लिए दिन-रात शराब पीकर बर्बादी के रास्ते पर चला जाता है। यह फिल्म 'देवदास' का मॉडर्न वर्जन थी। आप इसे नेटफ्लिक्स पर देख सकते हैं।


'जिंदगी दोबारा नहीं मिलेगी'
जोया अख्तर के निर्देशन में बनी जिंदगी ना मिलेगी दोबारा 2011 में दर्शकों के बीच आई थी। फिल्म में अभय ने कबीर दीवान नाम के युवक का किरदार निभाया था और दर्शकों से खूब तालियां बटोरी थीं। फिल्म सिखाती है कि कैसे आप अपने आज को खुशनुमा बनाकर अपने भविष्य को सुरक्षित और खुशहाल बना सकते हैं।
यह मुक्त पक्षियों के इर्द-गिर्द घूमती है, जिनके जीवन में अपनी समस्याएं हैं। यह फिल्म नेटफ्लिक्स पर भी है।


ओए लकी! लकी ओए' 
साल 2008 में दिबाकर बनर्जी के डायरेक्शन में बनी इस फिल्म में अभय ने भी अपनी एक्टिंग से चार चांद लगा दिए थे। उनका किरदार लकी सिंह असल जिंदगी से उठा हुआ लगता है। लकी जब 15 साल का था तो उसे इस बात का मलाल रहता था कि उसके पिता उसकी इच्छा पूरी नहीं कर सके। लकी अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिए चोरी करता है और 31 साल की उम्र तक मास्टर चोर बन जाता है। यह फिल्म यूट्यूब और एप्पल टीवी पर उपलब्ध है।


'मनोरमा: सिक्स फीट अंडर'
अगर आपने अभी तक अभय की ये फिल्म नहीं देखी है तो आप इसे Amazon Prime Video से लेकर Netflix और Jio Cinema में भी देख सकते हैं. 2007 की इस फिल्म में अभय ने एक शौकिया जासूस सत्यवीर सिंह रंधावा की भूमिका निभाई। वे अपना पहला उपन्यास 'मनोरमा' लिखते हैं, लेकिन वह उपन्यास किसी को पसंद नहीं आता। इस असफलता के बाद वह घटिया पत्रिकाओं में लिखने लगता है।


'एक चालीस की लास्ट लोकल'
अगर आप अभय के फैन हैं तो आपको उनकी ये फिल्म जरूर देखनी चाहिए। इसमें नीलेश रस्तोगी (अभय) को रात में इकतालीस लोकल की याद आती है। ढाई घंटे बाद दूसरी ट्रेन है। ऑटो रिक्शा की हड़ताल। मधु (नेहा धूपिया) की भी ट्रेन छूट जाती है। दोनों मिलते हैं। टाइम पास करने के लिए वे सड़क पर निकल जाते हैं। यहीं से कहानी शुरू होती है। फिल्म अमेज़न प्राइम वीडियो पर है।