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Crew Review: करीना, कृति और तब्बू की इस फिल्म में मिलेगा कॉमेडी, ड्रामा और सस्पेंस का भरपूर मजा, फुल एंटरटेनिंग मसाला है फिल्म 

 

बॉलीवुड एक्ट्रेस करीना कपूर खान, तब्बू और कृति सेनन की फिल्म 'क्रू' आज शुक्रवार को सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। राजेश कृष्णन द्वारा निर्देशित इस महिला प्रधान फिल्म में आपको सिर्फ दिखावा नहीं मिलेगा। हीरोइनों ने हीरो पर निर्भर न रहकर अपने दम पर दर्शकों का मनोरंजन करने की जिम्मेदारी बखूबी निभाई है। वह प्यार और रोमांस के साथ-साथ एक्शन दिखाने में भी माहिर हैं. कहा जा सकता है कि फिल्म में कॉमेडी के साथ-साथ स्वाद के मुताबिक ड्रामा और सस्पेंस भी होगा, जो दर्शकों को गुदगुदाने के लिए काफी है। तो आइए बिना किसी देरी के 'क्रू' के रिव्यू पर एक नजर डालते हैं।


क्या है फिल्म की कहानी?
'क्रू' की कहानी शुरू होती है गीता सेठी (तब्बू), जैस्मीन कोहली (करीना कपूर खान) और दिव्या राणा (कृति सेनन) से जो कोहिनूर एयरलाइंस में एयर होस्टेस हैं और यात्रियों के स्वागत से लेकर उनकी हर जरूरत का पूरा ख्याल रखती हैं।  बिना सैलरी के हरियाणा की दिव्या राणा को लोन की समस्या से जूझना पड़ रहा है। सीनियर एयर होस्टेस गीता सेठी अपने पति (कपिल शर्मा) के साथ गोवा में एक रेस्टोरेंट खोलना चाहती हैं, लेकिन सैलरी नहीं मिलने के कारण घर की जिम्मेदारी उनके पति उठा रहे हैं, जो एक शेफ हैं और होम डिलीवरी करते हैं। अपनी शर्तों पर जिंदगी जीने वाली जैस्मीन कोहली भी आर्थिक तंगी से जूझ रही हैं।

दरअसल, इन तीनों की जिंदगी सिर्फ सोशल मीडिया पर दिखावे की बनकर रह गई है। इस वित्तीय संकट के बीच, जैस्मीन, गीता और दिव्या अमीर बनने का एक शॉर्टकट ढूंढती हैं। पहले थोड़ा डरकर सोने की तस्करी करना और फिर बड़ी हिम्मत दिखाकर देश के भगोड़े विजय माल्या को पकड़ने का उनका सफर काफी दिलचस्प होने वाला है। अब स्मगलिंग में फंसने के बाद क्या इन्हें जेल जाना पड़ेगा या फिर शॉर्टकट ट्रिक कामयाब होगी और तीनों अमीर बन जाएंगे ये जानने के लिए आपको सिनेमाघरों का रुख करना होगा।


निर्देशन एवं लेखन
'लूटकेस' के लिए 'बेस्ट डेब्यू डायरेक्टर' का अवॉर्ड जीतने वाले राजेश कृष्णन की मेहनत 'क्रू' में साफ नजर आती है। बतौर निर्देशक यह उनकी पहली थिएटर रिलीज़ फ़िल्म है। फिल्म में शुरू से लेकर अंत तक एक भी सीन ऐसा नहीं है जो आपको बोर कर सके। इसका एक कारण यह है कि फिल्म केवल 118 मिनट लंबी है। फिल्म के हर सीन को दिखाने की अच्छी कोशिश की गई है. लेखन की बात करें तो 'क्रू' में आपको भद्दे डायलॉग नहीं सुनने को मिलेंगे। कुल मिलाकर आप पूरे परिवार के साथ बैठकर फिल्म का आनंद ले सकते हैं।


कलाकारों का अभिनय
'क्रू' की खास बात यह है कि इसमें अभिनेत्रियां 30, 40 और 50 की उम्र में हैं। लंबे समय से भारतीय महिला डकैती वाली फिल्म के लिए इससे मजेदार कास्टिंग नहीं हुई है। दिलजीत दोसांझ और कपिल शर्मा जैसे अभिनेताओं की मौजूदगी के बावजूद ये तीनों अभिनेत्रियां अकेले अपने अभिनय से दर्शकों का मनोरंजन करने के लिए काफी हैं। फिल्म में कुलभूषण खरबंदा भी अहम भूमिका में हैं।


क्रू को देखना है या नहीं?

यदि आप कुछ हल्की-फुल्की और पागलपन भरी कॉमेडी की तलाश में हैं, तो द क्रू में वह सब कुछ है जिसकी आप उम्मीद कर रहे हैं। अगर आप सिनेमाघरों में जाते हैं तो फिल्म आपको हंसाने की गारंटी देती है। यह नजारा आप घर जाकर भी नहीं भूल पाएंगे. 'चोली के पीछे' गाना आपको एक बार थिरकने पर मजबूर कर देगा।