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अजय देवगन ने गंगूबाई काठियावाड़ी की शूटिंग पूरी की

 
अजय देवगन ने गंगूबाई काठियावाड़ी की शूटिंग पूरी की
संजय लीला भंसाली जिन्होंने एक दिन की शूटिंग अजय देवगन के साथ लंबित थी जब कोविद ने खलनायक की भूमिका निभाई थी, उन्होंने अभिनेता के साथ अपना कार्यकाल पूरा कर लिया है। गंगूबाई काठियावाड़ी में एक अतिथि अतिथि उपस्थिति वाले अजय देवगन अपने हम ... दिल दे चुके सनम के निर्देशक के साथ बेहतर बॉन्डिंग की उम्मीद नहीं कर सकते थे।


फिल्म सिटी के सेट से एक स्रोत, "उन्होंने आखिरी बार कहा था कि 1999 में हमारे पास दिल है ... सनम में अभिनय किया था । तब से वे फिर से एक साथ आने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन मामला कुछ गड़बड़ा गया। वे अंततः फिर से सहयोग कर रहे हैं और ऐसा लग रहा है कि उन्होंने कभी भी एक साथ काम करना बंद नहीं किया। " सूत्र कहते हैं, भंसाली देवगन की उपस्थिति से इतने खुश हैं कि उन्होंने देवगन की भूमिका बढ़ाने का फैसला किया है।

यहां ध्यान दिया जाना चाहिए कि संजय भंसाली, अजय देवगन बाजी मस्तानी की पेशकश की गई थी । लेकिन देवगन ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया क्योंकि उसे लगा कि वह पहले से ही तन्हाजी में कुछ ऐसा ही कर रहा है । मेंगंगूबाई Kathiawadi, उसकी भूमिका केवल एक अतिथि भूमिका है। लेकिन बाकी लोगों को भरोसा है कि वे जल्द ही एक फिल्म में काम करेंगे, जिसमें देवगन की केंद्रीय भूमिका होगीअजय देवगन हिंदी फिल्‍मों के मशहूर अभिनेता, निर्देशक और निर्माता हैं। अजय का जन्‍म 2 अप्रैल 1969 को दिल्‍ली के एक पंजाबी परिवार में हुआ था। उनके परिवार का बॉलीवुड से बहुत की करीबी का रिस्‍ता रहा है। देवगन के पिता, वीरू देवगन, एक स्टंट कोरियोग्राफर और एक्शन-फिल्म निर्देशक हैं। तो वहीं उनकी माँ वीणा, फिल्म निर्माता हैं। उनके भाई, अनिल देवगन भी एक फिल्म निर्माता और पटकथा लेखक हैं।अजय ने अपने फिल्‍मी करियर की शुरूआत 1991 में आई फिल्‍म 'फूल और कांटे' से की थी। यह फिल्‍म उस समय सुपरहिट रही थी।

इस फिल्‍म में दो मोटरसाइकिलों पर पैर रखकर उनके द्वारा किया गया स्‍टंट आज भी चर्चा का विषय बना रहता है। इस फिल्‍म में किये उनके अभिनय के लिये फिल्‍म फेयर का 'बेस्‍ट मेल डेब्‍यू' का अवार्ड भी मिला था। उनकी अगली फिल्म जिगर (1992) थी, जो बॉलीवुड की मार्शल आर्ट फिल्म थी। इस फिल्‍म में उनके अपोजि़ट करिश्मा कपूर नज़र आई थीं। यह दिवाली वीकेंड पर रिलीज़ हुई और बॉक्स ऑफिस पर उस साल की सातवीं सबसे ज्यादा कमाई (7 करोड़) करने वाली फिल्म बन गई।इसके बाद उन्होंने संग्राम (1993), विजयपथ (1994), दिलवाले (1994), सुहाग (1994), नाज़ायज़ (1995), दिलजले (1996) और इश्क (1997) जैसी सफल फ़िल्मों में अभिनय किया।

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