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राम तेरी गंगा मैली से बौद्ध धर्म तक: मंदाकिनी की यात्रा

 
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मनोरंजन न्यूज़ डेस्क !!! 80 के दशक में अपनी खूबसूरत अदाओं और दिलकश अदाओं से मशहूर हुईं एक्ट्रेस मंदाकिनी आज अपना 61वां जन्मदिन मना रही हैं। 30 जुलाई 1963 को उत्तर प्रदेश के मेरठ में जन्मी मंदाकिनी का असली नाम यास्मीन जोसेफ है। उनके पिता ब्रिटिश थे और मां कश्मीरी थीं। उन्हें 16 साल की उम्र में राज कपूर ने खोजा था और उनका नाम बदलकर मंदाकिनी रखा गया था।

मंदाकिनी की प्रसिद्धि में वृद्धि

राज कपूर द्वारा निर्देशित और राजीव कपूर अभिनीत मंदाकिनी की पहली फिल्म "राम तेरी गंगा मैली" (1985) जबरदस्त हिट हुई और वह रातोंरात सनसनी बन गईं। उनकी सुंदरता और आकर्षण ने पूरे देश को मंत्रमुग्ध कर दिया और वह शहर में चर्चा का विषय बन गईं। हालाँकि उन्होंने "डांस डांस", "तेज़ाब", "कहाँ है कानून" और "प्यार करके देखो" जैसी फिल्मों में अभिनय किया, लेकिन वह कभी भी अपनी पहली फिल्म की सफलता को दोहरा नहीं सकीं।

व्यक्तिगत जीवन और विवाद

मंदाकिनी का निजी जीवन विवादों से घिरा रहा, जिसमें अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के साथ उनका कथित संबंध भी शामिल था। उसे दुबई में गिरफ्तार किया गया और भारतीय पुलिस ने उससे पूछताछ की, लेकिन उसने दाऊद के साथ किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार किया। इन विवादों ने उनके फिल्मी करियर को नुकसान पहुंचाया और अंततः उन्होंने बौद्ध भिक्षु डॉ. से शादी कर ली। 1990 में काग्यूर टी. रिम्पोछे ठाकुर ने बौद्ध धर्म अपना लिया। उनके दो बच्चे हैं और वह लाइमलाइट से दूर एक सामान्य जिंदगी जी रही हैं।

अपनी अल्पकालिक सफलता के बावजूद, मंदाकिनी भारतीय सिनेमा में एक प्रिय व्यक्ति बनी हुई हैं। उनकी सुंदरता और प्रतिभा नई पीढ़ी के अभिनेताओं और प्रशंसकों को समान रूप से प्रेरित करती रहती है। जैसे ही वह अपना जन्मदिन मनाती हैं, हम उनकी उल्लेखनीय यात्रा और भारतीय सिनेमा पर उनके प्रभाव पर एक नज़र डालते हैं।

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