एक्टर नहीं बल्कि ये काम करना चाहते थे इरफान खान!
क्रिकेटर बनने का सपना
इरफान खान का जन्म राजस्थान के टोंक में एक पठान मुस्लिम परिवार में हुआ था। उन्हें बचपन से ही क्रिकेट का बहुत शौक था और वह एक सफल क्रिकेटर बनना चाहते थे। लेकिन आर्थिक तंगी के कारण उन्हें अपना सपना छोड़ना पड़ा। इरफान ने एक पुराने इंटरव्यू में बताया था कि उन्हें सीके नायडू ट्रॉफी में खेलने के लिए चुना गया था, लेकिन पैसों की कमी के कारण उन्होंने यह मौका गंवा दिया। उन्होंने कहा, "मैंने क्रिकेट खेला। मैं क्रिकेटर बनना चाहता था। लेकिन मुझे उस समय 600 रुपये की जरूरत थी और मुझे नहीं पता था कि किससे मांगूं। उस दिन मैंने फैसला किया कि मैं इसे आगे नहीं बढ़ा सकता।"
जब उनका क्रिकेट का सपना पूरा नहीं हुआ तो इरफान ने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (एनएसडी) में दाखिला लिया और अभिनय की बारीकियां सीखना शुरू कर दिया। अपने खर्चों को पूरा करने के लिए उन्होंने एयर कंडीशनर रिपेयरमैन के रूप में भी काम किया। एक बार उन्हें राजेश खन्ना के घर पर मरम्मत का काम करने का मौका मिला। वहां जाकर वह बहुत खुश हुए और उन्होंने मन ही मन फैसला कर लिया कि वह भी एक्टर बनेंगे। इरफान खान ने अपने 30 साल के करियर में कई सफल फिल्में दीं। उन्होंने न सिर्फ बॉलीवुड बल्कि हॉलीवुड में भी अपना नाम कमाया। उन्हें अपने काम के लिए कई पुरस्कार मिले, जैसे राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और एशियाई फिल्म पुरस्कार। इरफ़ान खान बॉलीवुड के सबसे सफल अभिनेताओं में से एक थे। उनकी हॉलीवुड फिल्मों जैसे "द अमेजिंग स्पाइडर-मैन," "स्लमडॉग मिलियनेयर," और "लाइफ ऑफ पाई" ने मिलकर लगभग 2.5 बिलियन डॉलर की कमाई की। वहीं, उनकी हिंदी फिल्में जैसे "हिंदी मीडियम," "पीकू," और "गुंडे" ने भी अच्छा प्रदर्शन किया, जिससे उनकी कुल कमाई लगभग 25,000 करोड़ रुपये हो गई।
निधन और विरासत
2020 में इरफान खान कैंसर से जूझते रहे और महज 53 साल की उम्र में उनका निधन हो गया। उनके बेटे बाबिल खान अब उनकी विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं। बाबिल ने "काला" और "द रेलवे मैन" जैसी कुछ फिल्मों और वेब सीरीज में काम किया है और उन्होंने भी अपने अभिनय से दर्शकों को प्रभावित किया है। इरफान खान की कहानी हमें सिखाती है कि सपने देखना और उन्हें पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करना बहुत जरूरी है। उनकी एक्टिंग स्किल्स लोगों के दिलों में हमेशा जिंदा रहेगी.