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राजस्थान के इन भव्य किलों में हुई है मणिकर्णिका की शूटिंग, आप भी जाएं यहाँ घूमने

 
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मनोरंजन न्यूज़ डेस्क !!! बॉलीवुड फिल्म 'मणिकर्णिका- द क्वीन ऑफ झाँसी' एक योद्धा और देश की स्वतंत्रता सेनानी झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई के जीवन पर आधारित है। इस फिल्म में रानी लक्ष्मीबाई का किरदार निभाने वाली बॉलीवुड क्वीन कंगना रनौत की एक्टिंग की जितनी तारीफ हुई है, उतनी ही तारीफ उन लोकेशन्स की भी हुई है, जहां इस फिल्म को शूट किया गया है। आपको बता दें कि फिल्म झांसी की रानी की ज्यादातर शूटिंग जयपुर में हुई है। इसके साथ ही कूक्स और जोधपुर की कुछ लोकेशंस पर फिल्म के सीन शूट किए गए हैं. आइए आपको बताते हैं कौन सी हैं ये खूबसूरत लोकेशन...

जयपुर 

जैसा कि हमने ऊपर बताया है कि मणिकर्णिका फिल्म की ज्यादातर शूटिंग जयपुर में हुई थी। जयपुर में आमेर, जयगढ़ और नाहरगढ़ खूबसूरत किले हैं जहां फिल्म की शूटिंग की गई है। राजस्थान का गुलाबी शहर अपने किलों के लिए भी जाना जाता है। इन किलों के रख-रखाव पर वहां की सरकार काफी खर्च कर रही है। पर्यटन की दृष्टि से जयपुर में बहुत कुछ है। बता दें कि आमेर किला एक पहाड़ी पर स्थित है और जयगढ़ किला आमेर के ऊपर एक पहाड़ी पर स्थित है और नाहरगढ़ किला जयगढ़ के ऊपर एक पहाड़ी पर स्थित है... आप समझ सकते हैं कि जब आप सड़क पर खड़े होकर अपने आस-पास का नजारा देखते हैं तो एक बेहद खास एहसास होता है। आंखें हमारे पूर्वजों और इतिहास की महिमा से चमकती हैं।

आमेर का किला

आमेर का किला जयपुर का एक प्रसिद्ध किला है। जितना खूबसूरत यह किला है, उतना ही खूबसूरत इस किले तक पहुंचने का रास्ता भी है। इस किले का निर्माण महाराजा मान सिंह प्रथम ने करवाया था। ये कछवाहा राजपूत थे। इस किले को देखकर उस समय के राजा-महाराजा, कला-संस्कृति और समृद्धि का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है। बॉलीवुड में जब भी पीरियड फिल्में बनती हैं तो यह किला शूटिंग के लिए पसंदीदा जगहों में से एक होता है। इस किले में मावठा सरोवर, प्राचीन कुआँ, दीवान-ए-खास, दीवान-ए-आम, शीश महल, जय मंदिर, सुख निवास आदि हैं।

जयगढ़ किला

इस किले का निर्माण मुख्य रूप से हथियारों के भंडारण और युद्धकालीन परिस्थितियों से निपटने के लिए किया गया था। इस किले में पानी की व्यवस्था उस समय इतनी अच्छी तरह से की गई थी कि 10 हजार सैनिक अपने हाथियों और घोड़ों के साथ दो साल तक इस किले के अंदर रह सकते थे और उन्हें बाहर से पानी लाने की जरूरत नहीं थी। जल संरक्षण की यह महान प्रणाली आज भी सुरक्षित है। इस किले में देश की सबसे बड़ी तोप रखी हुई है। साथ ही उस दौर के हथियार, सोफे, बग्गियां भी यहां देखी जा सकती हैं। अब इस किले में एक गैलरी भी बनाई गई है। जिसमें राजशाही और औपनिवेशिक शासन से जुड़ी घटनाओं को देखा जा सकता है.

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