कभी सांवले रंग की वजह से मिलता था रिजेक्शन, लेकिन आज ये एक्ट्रेस हर किसी के दिल पर करती हैं राज
प्रारंभिक जीवन और करियर की शुरुआत
काजोल शुरू से ही अभिनेत्री बनना चाहती थीं। उन्होंने अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी और 16 साल की उम्र में उन्होंने 1992 में रिलीज हुई फिल्म 'बेखुदी' से बॉलीवुड में डेब्यू किया। हालांकि, काजोल को असली पहचान शाहरुख खान स्टारर फिल्म 'बाजीगर' से मिली। यह फिल्म ब्लॉकबस्टर रही और काजोल रातों-रात स्टार बन गईं।
सांवले रंग को लेकर ट्रोलिंग और काजोल की प्रतिक्रिया
सुपर-डुपर हिट फिल्में देने के बावजूद काजोल को उनके सांवले रंग के लिए काफी ट्रोल किया गया था। एक पुराने इंटरव्यू में काजोल ने अपने स्किन टोन को लेकर ट्रोल होने और बॉडी शेमिंग के बारे में बात की थी। उन्होंने कहा कि उन्हें उनकी त्वचा के रंग के आधार पर आंका गया। काजोल ने कहा कि उन्हें काली और मोटी कहा जाता था और वह हर समय चश्मा पहनती थीं। हालाँकि, उन्होंने कभी भी इन सभी कमेंट्स की परवाह नहीं की। काजोल ने आगे कहा, “इसलिए, मैंने खुद को वैसा ही बनाए रखा और इसे कभी प्रदर्शित नहीं होने दिया। देर-सवेर, जब वे मुझे नीचे नहीं खींच सके, तो दुनिया ने मुझे वैसे ही अपनाया जैसे मैं था।”
बॉलीवुड की टॉप एक्ट्रेस
काजोल ने अपने करियर में 'ये दिल्लगी', 'गुप्त', 'हम आपके दिल में रहते हैं', 'करण अर्जुन', 'गुंडाराज', 'दुश्मन', 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे', 'माई' जैसी कई सुपरहिट फिल्में दी हैं। नेम इज खान', 'कुछ कुछ होता है', 'कभी खुशी कभी गम' और 'फना'। 1995 में काजोल को यश चोपड़ा की रोमांस-ड्रामा 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' (डीडीएलजे) के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्मफेयर पुरस्कार भी मिला। शाहरुख खान के साथ उनकी ऑन-स्क्रीन केमिस्ट्री दर्शकों को खूब पसंद आई। 2011 में, काजोल को भारतीय सिनेमा में उनके अपार योगदान के लिए प्रतिष्ठित पद्म श्री पुरस्कार - चौथा सबसे बड़ा नागरिक पुरस्कार - से सम्मानित किया गया था।
व्यक्तिगत जीवन और चुंबन न करने की नीति
काजोल की प्रोफेशनल लाइफ तो बेहद सफल रही है, वहीं उनकी पर्सनल लाइफ भी काफी अच्छी रही है। काजोल जब अपने करियर के शिखर पर थीं तब उन्होंने अभिनेता अजय देवगन से शादी की। इस जोड़े की एक बेटी निसा देवगन और एक बेटा युग देवगन है। काजोल अपनी फिल्मों में हमेशा 'नो किसिंग पॉलिसी' का पालन करती थीं। वह अपनी फिल्मों में इंटीमेट सीन देने से बचती थीं।
50 साल की उम्र में काजोल ने ऑनस्क्रीन लिपलॉक सीन देकर सभी को हैरान कर दिया था। इस कदम ने दर्शकों के बीच काफी हलचल पैदा कर दी. इससे पता चलता है कि काजोल हमेशा नई चुनौतियों को स्वीकार करने के लिए तैयार रहती हैं और अपने काम के प्रति पूरी तरह समर्पित हैं। काजोल की कहानी हमें सिखाती है कि सच्ची मेहनत और आत्मविश्वास से किसी भी मुश्किल को पार किया जा सकता है। जीवन में उनकी यात्रा प्रेरणादायक है और दिखाती है कि कैसे उन्होंने अपने करियर और निजी जीवन के बीच संतुलन बनाए रखा।