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टीवी से बड़े पर्दे तक पहुँचने वाले एक्टर Rohit Roy खुद को नहीं समझते स्टार, अभिनय को लेकर कही ये बात 

 
टीवी से बड़े पर्दे तक पहुँचने वाले एक्टर Rohit Roy खुद को नहीं समझते स्टार, अभिनय को लेकर कही ये बात 

अनुभव के साथ व्यक्ति की कार्यशैली में बदलाव, कुछ परिपक्वता और कुछ नई चीजें आती हैं। अभिनेता रोहित रॉय को साल 1995 में प्रसारित धारावाहिक 'स्वाभिमान' और साल 2004 में प्रसारित 'देश में निकला होगा चांद' से काफी लोकप्रियता मिली। इसके बाद उनकी गिनती टीवी के मशहूर सितारों में होने लगी।

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फिलहाल रोहित का फोकस फिल्मों और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर ज्यादा है। वह कहते हैं, ''किसी कलाकार के प्रदर्शन से माध्यम पर कोई फर्क नहीं पड़ता, चाहे वह टीवी पर हो या डिजिटल प्लेटफॉर्म पर या फिल्मों में। नसीर भाई (नसीरुद्दीन शाह) नसीर भाई ही रहेंगे, चाहे वह किसी भी माध्यम में काम करें। हां, जब हम थिएटर करते हैं तो बॉडी लैंग्वेज और आवाज पर ज्यादा फोकस होता है, क्योंकि आखिरी पंक्ति में बैठे व्यक्ति को भी आपकी आवाज सुननी चाहिए।

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मैंने अभिनय की अपनी शैली कभी नहीं बदली, हां मैंने बेहतर करने की कोशिश जरूर की है।' शायद मेरे मन में था कि मैं पहले इतना अच्छा एक्टर नहीं था, स्टार तो बन गया था, लेकिन इतना अच्छा एक्टर नहीं था। अब मैं कह सकता हूं कि भले ही मैं अब स्टार नहीं हूं, लेकिन मैं एक अच्छा अभिनेता हूं, मैं एक सक्षम अभिनेता हूं।

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