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Happy Birthday Deepak Tijori : इंडस्ट्री में कोई दूसरा नहीं है Deepak जैसा एक्टर, अभिनेता के इस हुनक को लेकर कही जाती है ये बात 

 
Happy Birthday Deepak Tijori : इंडस्ट्री में कोई दूसरा नहीं है Deepak जैसा एक्टर, अभिनेता के इस हुनक को लेकर कही जाती है ये बात 

अभिनेता दीपक तिजोरी का जन्मदिन 28 अगस्त को है। दो दशक से ज्यादा समय से फिल्म इंडस्ट्री में सक्रिय दीपक तिजोरी ने कई फिल्मों में काम किया है, लेकिन उनकी हिट फिल्मों की बात करें तो उनमें 'आशिकी', 'खिलाड़ी', 'जो जीता वही सिकंदर', 'शामिल हैं। कभी-कभी 'हां कभी ना', 'अंजाम' जैसी फिल्मों का नाम जेहन में आता है जिसमें उन्होंने सपोर्टिंग किरदार निभाए थे। हालांकि बाद में दीपक तिजोरी डायरेक्टर बन गए, लेकिन उनके मन में यह टीस थी कि वह हीरो क्यों नहीं बने? आखिर किसका सपना नहीं होता कि उसे फिल्म में लीड हीरो का रोल मिले और रोमांस करने का मौका भी मिले।

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दीपक तिजोरी का भी कुछ ऐसा ही सपना था, लेकिन किस्मत का पहिया ऐसा घूमा कि उन्हें फिल्मों में सपोर्टिंग हीरो के रोल ही मिलने लगे और धीरे-धीरे दीपक तिजोरी सपोर्टिंग एक्टर के तौर पर जाने जाने लगे। हालांकि, आज दीपक तिजोरी की पहचान एक ऐसे सेलिब्रिटी के रूप में होती है, जिन्होंने बॉलीवुड में हर जगह अपना हाथ आजमाया है। दीपक तिजोरी ने अपने करियर की शुरुआत 'तेरा नाम मेरा नाम' जैसी फिल्म से की थी, जिसमें उनका छोटा सा रोल था, लेकिन दीपक तिजोरी निराश नहीं हुए और उन्हें जो भी सहायक किरदार मिला, वह करते रहे। एक वक्त ऐसा भी आया जब दीपक तिजोरी सपोर्टिंग एक्टर के तौर पर सुपरहिट हो गए और हर किसी की पसंद बन गए। हालांकि कहीं न कहीं दीपक तिजोरी के मन में इच्छा थी कि उन्हें लीड हीरो का रोल मिले। उनकी ये ख्वाहिश फिल्म 'पहला नशा' में पूरी हुई।

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फिल्म में दीपक तिजोरी मुख्य भूमिका में थे जबकि आमिर खान, शाहरुख खान और जूही चावला सहायक भूमिका में नजर आये थे। फिल्म में दीपक तिजोरी के अपोजिट पूजा भट्ट और रवीना टंडन थीं, लेकिन इतनी बड़ी और दमदार कास्ट होने के बाद भी यह फिल्म बुरी तरह पिट गई और दीपक तिजोरी का हीरो बनने का सपना भी टूट गया। इसके बाद थक हारकर दीपक तिजोरी ने निर्देशक बनने का फैसला किया और 2003 में एक एडल्ट फिल्म से अपनी निर्देशन पारी की शुरुआत की। फिल्म को समीक्षकों के साथ-साथ दर्शकों ने भी नकार दिया था। यहां तक कि सेंसर बोर्ड भी फिल्म के बोल्ड कंटेंट और सीन्स की वजह से इस फिल्म पर अड़ा हुआ है।

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इसके बाद उन्होंने कई और फिल्में डायरेक्ट कीं जिनमें 'टॉम डिक एंड हैरी', 'फॉक्स' और 'खामोशी- खौफ की एक रात' बुरी तरह फ्लॉप रहीं। यह कहना दुर्भाग्यपूर्ण होगा कि दीपक तिजोरी न केवल मुख्य नायक के रूप में फ्लॉप हुए, बल्कि उनके द्वारा निर्देशित लगभग सभी फिल्में बुरी तरह से फ्लॉप रहीं, लेकिन लगातार फ्लॉप फिल्मों से दीपक तिजोरी टूटे नहीं हैं और उन्होंने अपनी एक फिल्म का सीक्वल प्लान कर लिया है। हैरानी की बात है कि जिस फिल्म का सीक्वल सामने आया वह फ्लॉप हो गई है। वाकई, किसी फ्लॉप फिल्म का सीक्वल लाने का जज्बा वही व्यक्ति कर सकता है जो सफलता और असफलता के चक्र से दूर हो। ऐसा तो खान और कपूर भी नहीं कर सकते।

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