Johnny Lever B' Special : एक्टिंग छोड़ धर्मगुरु बनने चले थे जॉनी लीवर, इस शख्स के लिए एक्टर ने लिया इतना बड़ा फैसला
जो लोग ये सोचते हैं कि बिना गॉडफादर के कोई फिल्म इंडस्ट्री में कदम नहीं रख सकता तो उन्हें एक बार जॉनी लीवर की तरफ जरूर देखना चाहिए। जॉनी लीवर 'कुछ नहीं' थे, लेकिन आज 'बहुत कुछ' हैं. वह हिंदी सिनेमा के पहले स्टैंड-अप कॉमेडियन में से एक हैं। परिवार में आर्थिक तंगी के कारण जॉनी लीवर पढ़ाई नहीं कर सके और सातवीं कक्षा के बाद उन्होंने स्कूल छोड़ दिया। किसी तरह उन्होंने कभी पेन बेचकर तो कभी सड़क पर बड़े-बड़े सितारों की नकल करके अपना गुजारा किया। जॉनी लीवर ने अपनी मिमिक्री और कॉमेडी की अद्भुत प्रतिभा के दम पर बॉलीवुड में अपनी अलग जगह बनाई। आज उनकी गिनती बॉलीवुड के टॉप कॉमेडियन में होती है। 14 अगस्त को अपना 64वां जन्मदिन मना रहे जॉनी लीवर ने जीवन में काफी संघर्ष किया। बहुत दुःख भरे दिन देखे।
जरा सोचिए, जिस दिन जॉनी लीवर की बहन की मौत हुई और उनका शव घर में पड़ा था, उस दिन जॉनी लीवर को एक शो में जाकर कॉमेडी करनी थी। सोचिए उस वक्त जॉनी लीवर का क्या हुआ होगा। लेकिन जॉनी लीवर ने वैसा ही किया। जॉनी लीवर की जिंदगी में एक वक्त ऐसा भी आया, जब उन्होंने फिल्में और कॉमेडी पूरी तरह छोड़ दी और धार्मिक नेता बन गए। वह आध्यात्म की राह पर चलने लगे। आख़िर क्या हुआ? जॉनी लीवर की जिंदगी में ये वक्त तब आया जब उन्हें पता चला कि बेटे जेसी को कैंसर है। उनके गले में ट्यूमर था। बेटे को कैंसर होने का पता चलते ही जॉनी लीवर बुरी तरह टूट गए थे। एक इंटरव्यू में जॉनी लीवर ने बताया था कि वह काफी असहाय और परेशान हो गए थे।
उन्होंने फिल्में और कॉमेडी करना छोड़ दिया और भगवान की प्रार्थना में लीन हो गए। उनके दिन अपने बेटे के लिए भगवान से प्रार्थना करने में बीतते थे। उस घटना ने जॉनी लीवर की जिंदगी में बड़ा बदलाव ला दिया। यह बात 2011 की है। जॉनी लीवर ने आध्यात्म की ओर रुख किया और विदेशों में भी धर्म के बारे में प्रचार करना शुरू कर दिया। जॉनी लीवर को सुनने के लिए लोगों की भारी भीड़ आती थी। जॉनी लीवर ने 2011 में एक उपदेश के दौरान बताया था कि कैसे उनके बेटे के बारे में डॉक्टरों ने जवाब दे दिया था और कहा था कि सर्जरी से उनके बेटे की मौत हो सकती है। इसके बाद से जॉनी लीवर भगवान की प्रार्थना में लीन हो गए।
एक इंटरव्यू में बताया था कि यह भगवान की इच्छा थी कि वह आध्यात्मिकता की ओर रुख करें। वह सदैव धार्मिक थे, लेकिन एक घटना ने उनका पूरा जीवन बदल दिया। जॉनी लीवर के अनुसार, भगवान ने उनके बेटे को बचाया क्योंकि वह असहाय था। जब कहीं से कोई मदद नहीं मिली तो वह भगवान की शरण में गया। जॉनी लीवर ने बताया था कि उस वक्त उन्होंने फिल्मों में काम करना बंद कर दिया था। 10 दिन बाद वह बेटे को उन्हीं डॉक्टरों के पास ले गए जिन्होंने कहा था कि किसी भी तरह की सर्जरी से उनका बेटा मर जाएगा।
जॉनी लीवर के मुताबिक, डॉक्टरों ने उनका परीक्षण किया और यह देखकर हैरान रह गए कि उनके बेटे का कैंसर पूरी तरह खत्म हो गया। फिर जॉनी लीवर को नई जिंदगी मिल गई। जॉनी लीवर के बेटे जेसी लीवर अब बिल्कुल ठीक हैं और अक्सर पिता और बहन जेमी के साथ कॉमेडी वीडियो बनाते रहते हैं। जेसी लीवर ने कई फिल्मों में भी काम किया है। बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट वह फिल्म 'कभी खुशी कभी गम' में नजर आए थे। इस फिल्म में वह जॉनी लीवर के बेटे की भूमिका में थे। इसके बाद जेमी 'वॉर' और 'ये साली आशिकी' जैसी फिल्मों में नजर आईं।