Mohammad Rafi D' Anniversary Special : मोहम्मद रफी के नाम पर ही उनके एक फैन ने रख दिया था अपने घर का नाम, जानिए किस्सा

आज जहां रियलिटी शो के जरिए हर साल नए कलाकार मिल रहे हैं और कुछ ही सालों में वे गुमनामी के अंधेरे में खो जा रहे हैं, वहीं देश में कुछ कलाकार ऐसे भी हैं जो सालों बाद भी लोगों के दिलों-दिमाग में छाए हुए हैं। गुजर रहा है. छाये हुए हैं. ऐसे ही कलाकार हैं मोहम्मद रफ़ी. 31 जुलाई को उनकी पुण्य तिथि है. भले ही उनके निधन को 42 साल हो गए हैं, लेकिन उनके गाने आज भी जिंदा हैं। लोग विभिन्न अवसरों पर उनके गीत गाते हैं, उन्हें याद करते हैं।
क्या आप जानते हैं मोहम्मद रफी के गानों का दीवाना कौन नहीं होगा, लेकिन मोहम्मद रफी। मंसूर अहमद की बातें अनोखी हैं। उनके पास रफी साहब के गानों के करीब तीन हजार कैसेट का कलेक्शन है। एक भी दिन ऐसा नहीं जाता जब वह रफी साहब के गाने बिना सुने हटाते हों। उनके पास रफी साहब के बचपन से लेकर आखिरी सफर तक की बोलती तस्वीरें हैं। मो। मंसूर को 1985 से ही रफ़ी साहब से जुड़ी चीज़ें इकट्ठा करने का शौक था।
पहले उनकी पत्नी उनके इस शौक से बहुत परेशान रहती थीं, लेकिन अब वह भी उनका खूब साथ देती हैं और हर कैसेट, सीडी, फोटो, पेपर संभालकर रखती हैं। मालूम हो कि उनके पास 21 भाषाओं में रफी साहब के गाने हैं। गाये हुए गीतों का संग्रह है। मंसूर अहमद ने अपने घर के एक कमरे को रफ़ी साहब की चीज़ों का संग्रहालय बना दिया है।
मंसूर साहब की दीवानगी का आलम यह है कि हर कोई उन्हें और उनके कलेक्शन को इतने अच्छे से जानता है। यहां तक कि उनके घर का नाम मोहम्मद रफी मेंशन है। लोग उस चौराहे पर नाम लेने मात्र से ही उसके घर का पता बता देते हैं। मंसूर साहब बताते हैं कि एक बार रफी साहब की बड़ी बहन बेगम बिलकिस जहां भोपाल आईं तो उन्हें मेरे कलेक्शन के बारे में पता चला, वो मिलने आईं और ये सब देखने के बाद बोलीं- बेटा, तुमने इतना कुछ मैनेज कर लिया है। हां, हमारे पास इतना भी नहीं होगा. उन्होंने मेरे सिर पर हाथ रखा तो मेरी आंखें नम हो गईं।