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Sonu Sood B' Special : चंद पैसे जेब में लिए सोनू सूद ने सपनों की नगरी मुंबई में रखा था कदम, सफल होने के लिए किया कड़ा संघर्ष 

 
Sonu Sood B' Special : चंद पैसे जेब में लिए सोनू सूद ने सपनों की नगरी मुंबई में रखा था कदम, सफल होने के लिए किया कड़ा संघर्ष 

साल 2010 में आई सलमान खान स्टारर फिल्म 'दबंग' में अपने किरदार छेदी सिंह से फैन्स के दिलों में अलग जगह बनाने वाले सोनू सूद आज यानी 30 जुलाई को अपना जन्मदिन मना रहे हैं। सिनेमा में अक्सर विलेन के किरदार में नजर आने वाले सोनू असल जिंदगी में लोगों के हीरो हैं। कोरोना काल में एक्टर ने जरूरतमंदों की हरसंभव मदद की थी। उन्होंने बिना किसी स्वार्थ के लोगों की मदद की है। सोनू आज भी लोगों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। आइए उनके जन्मदिन के मौके पर जानते हैं इस रियल लाइफ हीरो की कहानी।

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30 जुलाई 1973 को पंजाब के मोगा जिले में जन्मे सोनू एक मध्यम वर्गीय परिवार से हैं। एक्टर के पिता कपड़े की दुकान चलाते थे। हर पिता की तरह उनका भी सपना था कि उनका बेटा पढ़-लिखकर अपने पैरों पर खड़ा हो और सफलता की सीढ़ियां चढ़े। अपने सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने सोनू को इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला दिला दिया. अभिनेता ने अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई नागपुर से पूरी की। इसके बाद वह मुंबई चले गए। आज सोनू बी-टाउन के जाने-माने एक्टर्स की लिस्ट में शामिल हैं। लेकिन एक वक्त ऐसा भी था जब एक्टर अपने करियर के सबसे मुश्किल दौर से गुजर रहे थे।

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लाखों युवाओं की तरह सोनू भी एक्टर बनने का सपना लेकर 1996 में माया नगरी मुंबई आए थे। उस वक्त उनकी जेब में सिर्फ 5500 रुपये थे। एक इंटरव्यू के दौरान सोनू ने अपने संघर्ष के दिनों के बारे में बात करते हुए कहा था कि मैं 5500 रुपये लेकर मुंबई आया था। यहां आने के बाद मैंने फिल्म सिटी तक पहुंचने के लिए 400 रुपये खर्च किए। मैं फिल्मसिटी में घूमता रहता था और सोचता था कि शायद किसी निर्देशक या निर्माता की नजर मुझ पर पड़ेगी और वह मुझे अपनी फिल्म में काम दे देगा। पर ऐसा हुआ नहीं।

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अभिनेता ने यह भी साझा किया था कि उन्होंने अपने शुरुआती दिनों में बेहद गरीबी में अपना जीवन बिताया था। उन्होंने बताया था कि मैं तीन लोगों के साथ एक कमरा शेयर करता था, जब भी ऑडिशन का कॉल आता था तो 200 से ज्यादा लोग मेरे साथ ऑडिशन देने के लिए लाइन में खड़े हो जाते थे, जहां मेरे हिस्से सिर्फ रिजेक्शन ही आता था। मुंबई आने और शादी करने के तीन साल बाद अभिनेता को तेलुगु फिल्म उद्योग में काम करने का मौका मिला।

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