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सुपरस्टार Madhubala  की Manoranjannama.com Ranking 4/5

 
सुपरस्टार Madhubala  की Manoranjannama.com Ranking 4/5

हिंदी सिनेमा के लिए मधुबाला उन नामों में शामिल हैं जिन्होंने हिंदी सिनेमा को बेहतर बनाने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया है। फिल्म 'मुगल-ए-आजम' में अनारकली का किरदार निभाने के बाद वह लोगों की नजरों में अनारकली के नाम से बस गईं। मधुबाला को 1942 से 1960 के बीच भारतीय सिनेमा में कई फिल्में करते हुए देखा गया है। मधुबाला को उनके अभिनय के साथ-साथ उनकी खूबसूरती के लिए भी याद किया जाता है। उनके जीवन पर गौर करें तो उन्हें 'वीनस ऑफ इंडियन सिनेमा' और 'द ब्यूटी ऑफ ट्रेजेडी' जैसे विशेषणों से भी जाना जाता है। उन्होंने महल, अमर, मिस्टर का निर्माण किया है। उन्होंने एंड मिस 55, बरसात की रात, मुगल-ए-आजम आदि फिल्मों में सशक्त भूमिकाएँ निभाई हैं। मनोरंजननामा ने इनके करियर ग्राफ, हिट फिल्मों ओर वेबसीरीज, इनकी सोशल वर्थ, नेटवर्थ और कई अन्य पहलुओं पर अच्छे से गौर करते हुए इन्हें 4/5 की रैंकिंग दी है, तो आईये आज आपको बताते हैं इनके बारे में विस्तार से.......

//मधुबाला का जीवन परिचय 

मधुबाला का पूरा नाम, जन्म, उम्र

नाम मधुबाला
पूरा नाम बेगम मुमताज़ जेहान देहलवी
अन्य नाम वीनस क्वीन
जन्म 14 फरवरी, 1933
जन्म स्थान दिल्ली, ब्रिटिश इंडिया
मृत्यु 23 फरवरी, 1969
मृत्यु स्थान बॉम्बे, महाराष्ट्र,भारत
उम्र 36 साल
मृत्यु कारण दिल में छेड़
पेशा भारतीय फिल्म अभिनेत्री
राष्ट्रीयता भारतीय
गृहनगर दिल्ली, भारत
धर्म मुस्लिम
जाति मुस्लिम
हाइट 5 फुट 4 इंच
वजन 55 किलोग्राम
आँखों का रंग घर भूरा
बालों का रंग काला
राशि कुंभ
वैवाहिक स्थिति विवाहित
डेब्यू फिल्म बसंत (1942)
पसंद ड्राइविंग
पसंदीदा अभिनेता दिलीप कुमा

मधुबाला का परिवार, पति

पिता का नाम अत्तौल्लाह खान
माता का नाम आयेशा बेगम, मुमताज़ जेहान
भाई 2
बहन चंचल (अभिनेत्री) मधुर भूषण (ज़ाहिदा) (Play Back Singer) कैंज बलसारा, अल्ताफ़ कोवल, शाहिदा काज़ी  
पति का नाम किशोर कुमार
शादी सना 1960 में
अफेयर्स / बॉयफ्रेंड दिलीप कुमार एवं किशोर कुमार

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मधुबाला का जन्म दिल्ली में हुआ. बचपन में इनका नाम मुमताज़ जेहान देहलवी रखा गया. इनके वालिद तात्कालिक पकिस्तान के खैबर पखतून्ख्वा के रहने वाले थे. अपने माँ बाप के 11 बच्चों में ये पाँचवीं थीं. शुरुआती समय में इनके पिता पेशावर स्थित एक तम्बाकू फैक्ट्री में काम करते थे. इस नौकरी को खोने के बाद इनके पिता पहले दिल्ली और फिर मुंबई पहुँचे, जहाँ पर मुमताज़ अर्थात मधुबाला का जन्म हुआ. ये समय इस परिवार के लिए बहुत की दुखद था. इस दौरान मधुबाला की तीन बहने और दो भाई सन 1944 में होने वाले ‘डॉक एक्सप्लोजन’ में मारे गये. इस हादसे में हालाँकि इनका घर तबाह हो गया किन्तु बचने वाले लोग सिर्फ और सिर्फ इस वजह से बच सके कि वे लोग किसी लोकल सिनेमा में फ़िल्म देखने गये थे. बचने वालों में मुमताज़ की छः बहने और माँ- पिता थे. इसके बाद ग़ुरबत की ज़िन्दगी से राहत पाने के लिए महज 9 साल की उम्र में इनके पिता मुमताज़ को बॉम्बे के विभिन्न फ़िल्म स्टूडियो में लेकर जाने लगे. मुमताज़ को काम भी मिलने लगा और परिवार को ग़रीबी से थोड़ी सी राहत मिली.

मधुबाला का शुरूआती करियर 

मधुबाला बचपन से सिनेमा के लिए काम करने लगी थी. मधुबाला की पहली सफ़ल फ़िल्म साल 1942 में आई बसंत थी. ये फ़िल्म बहुत सफ़ल हुई और इस फ़िल्म से मधुबाला को पहचाना जाने लगा. जानी मानी अभिनेत्री देविका रानी मधुबाला के अभिनय से बहुत ही प्रभावित थीं, उन्होंने ही मुमताज़ देहलवी को मधुबाला के स्क्रीननेम से काम करने की सलाह दी. साल 1947 में आई फ़िल्म ‘नील कमल’ में महज़ चौदह साल की उम्र में मधुबाला को राज कपूर के साथ कास्ट किया गया. ये फ़िल्म इनकी मुमताज़ के नाम से आखिरी फ़िल्म थी. इसके बाद आने वाली सभी फ़िल्मों में इनका स्क्रीननेम मधुबाला रहा.

मधुबाला के करियर में स्टारडम की चमक को साल 1949 के दौरान देखा जाता है. ये स्टारडम इन्हें बॉम्बे टॉकीज बैनर तले बनी फ़िल्म ‘महल’ के साथ मिला. इस फ़िल्म के लिए हालाँकि पहले मशहूर अभिनेत्री सुरैया को चुना गया था, किन्तु स्क्रीनटेस्ट के दौरान फिल्म निर्देशक कमाल अमरोही को मधुबाला इस रोल के लिए अधिक फिट लगीं और इन्हें इस रोले के लिए नियुक्त कर लिया गया. ये फ़िल्म इस साल भारतीय सिनेमा के बॉक्स ऑफिस पर तीसरी सफ़ल फ़िल्म थी. इस फ़िल्म के बाद मधुबाला की दुलारी, बेक़सूर, तराना तथा बादल आदि फ़िल्में एक के बाद एक सफ़ल साबित हुईं.

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मधुबाला का स्टारडम 

मधुबाला को अपने करियर के दौरान ऊंचा से ऊंचा मक़ाम हासिल हुआ. ये मक़ाम इन्हें उस वक़्त के सुपर स्टार अभिनेता –अभिनेत्री, मशहूर फ़िल्म निर्देशक के फ़िल्मों में काम करने की सूरत में हासिल हुआ. इन्होने तात्कालिक समय के मशहूर अभिनेता मसलन अशोक कुमार, राजकुमार, रहमान, दिलीप कुमार, सुनील दत्त, शम्मी कपूर, देव आनंद आदि के साथ काम किया. इसके साथ ही इन्हें समय के लीडिंग अभिनेत्रियाँ मसलन गीता बाली, सुरैया, निम्मी आदि के साथ काम करने का भी मौक़ा मिला. निर्देशकों में इन्हें कमाल अमरोहवी, के आसिफ, गुरुदत्त आदि का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ. सन 1955 में मधुबाला फ़िल्म ‘नाता’ तथा सन 1960 में फिल्म ‘महलों के ख्वाब’ की निर्माता रहीं. इन्होने फ़िल्म ‘महलों के ख्वाब’ में निर्माता के साथ अदाकारी का भी कार्य किया.

सन 1950 के दौरान आने वाली सभी तरह की फ़िल्मों में मधुबाला अपने जलवे बिखेरने में लगी हुईं थी. इसी साल आई उनकी फ़िल्म ‘हँसते आंसू’ वह हिंदी फ़िल्म बनी, जिसे पहली बार भारतीय फ़िल्म बोर्ड द्वारा A सर्टिफिकेट प्राप्त हुआ. मधुबाला के अभिनय के साथ उनकी सुन्दरता भी लोगों को खूब रिझाती थी. साल 1956 मे इन्होने दो कॉस्टयूम ड्रामा जेनर की फ़िल्में की. ये फिल्मे थीं ‘शीरीं- फरहाद’ तथा ‘राज- हथ’, इसके बाद इन्हें एक सोशल ड्रामा ‘कल हमारा है’ में देखा गया. सन 1954 में महबूब खान द्वारा निर्देशित फ़िल्म ‘अमर’ भी इनके लिए बहुत बड़ी फ़िल्म साबित हुई. गुरुदत की फ़िल्म ‘हावड़ा ब्रिज’ को भी नहीं भूला जा सकता. इस फ़िल्म में मधुबाला एक एंग्लो- इंडियन कारबेट गायिका की भूमिका में नज़र आयीं थी. इसी फ़िल्म का गीत ‘आइये मेहरबाँ’ आज भी लोगों के बीच खूब मशहूर है. कुल मिलाकर ये कहा जा सकता है, कि मधुबाला ने अपने करियर में लगभग सभी तरह की फ़िल्में कीं और यही इनके स्टारडम की एक बहुत बड़ी वजह रही.

मधुबाला फिल्म मुग़ल-ए-आज़म में 

फ़िल्म मुग़ल-ए-आज़म मधुबाला की ज़िन्दगी की सबसे बड़ी फ़िल्म मानी जाती है. इस फ़िल्म में इन्होने अनारकली की यादगार भूमिका निभाई है. इस फ़िल्म ने मधुबाला को पूरी तरह से अभिनय में ढलने का मौक़ा दिया. अभिनय की दुनिया में आज भी इनके इस अभिनय का उदाहरण दिया जाता है. इस फ़िल्म के बनने के दौरान मधुबाला का स्वास्थ लगातार बिगड़ रहा था. इसका कारण ये भी हो सकता है कि शूटिंग के लिए उन्हें लगातार जंजीरों में लम्बे समय तक बंधा रहना पड़ता था और इस दौरान उन्हें पूरे मेक अप में होना पड़ता था. ऐसा माना जाता है कि शायद इसी वजह से इनकी तबियत लगातार बिगडती रही, किन्तु मधुबाला के परिश्रम और लगन की वजह से फ़िल्म बनने में किसी तरह की रुकावट नहीं आई.

साल 1960 में 10 साल की मेहनत के बाद ये फ़िल्म बनी और मंज़रे-आम पर आई. ये फ़िल्म अब तक की सबसे अधिक पैसे कमाने वाली फ़िल्म साबित हुई. ये रिकॉर्ड लगभग 15 सालों तक कायम रहा, इन पंद्रह सालों में कई बड़े सुपरस्टार की बड़ी फिल्मे आयीं, किन्तु किसी की भी फ़िल्म द्वारा ये रिकॉर्ड नहीं टूट सका. साल 1975 में अमिताभ बच्चन की आई फ़िल्म ‘शोले’ एक ऐसी फ़िल्म बनी जो ये रिकॉर्ड छूने में कामयाब हो सकी. ये दौर मधुबाला की जिन्दगी के करियर के तौर पर तो सुनहरा दौर ज़रूर था किन्तु इसी दौरान इनके और दिलीप कुमार के रिश्तो में कडवाहट आने लगी थी. 

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दिलीप कुमार और मधुबाला की प्रेम कहानी 

दिलीप कुमार और मधुबाला पहली बार सन 1944 में बन रही फ़िल्म ‘ज्वार भाटा’ के सेट पर एक दुसरे से मिले. इन दोनों के बीच रिश्ते की शुरुआत फ़िल्म ‘तराना’ करते हुए हुई. ये रिश्ता धीरे धीरे मजबूत हो रहा था और एक समय ऐसा भी आया कि दोनों ने एक साथ ईद भी मनाई, किन्तु मधुबाला के पिता को ये रिश्ता मंजूर नहीं था. उन्होंने मधुबाला को दिलीप कुमार से शादी करने से मना कर दिया. मधुबाला अपने पिता के प्रति बहुत आज्ञाकारी थी और आखिर में ये रिश्ता परवान नहीं चढ़ सका. 

किशोर कुमार और मधुबाला 

कालांतर में मधुबाला की शादी किशोर कुमार से हुई. सन 1960 में मधुबाला से विवाह करने के लिए किशोर कुमार ने इस्लाम धर्म कबूल कर लिया और किशोर कुमार का नाम करीम अब्दुल हो गया. इस शादी को मधुबाला हालाँकि स्वीकार नहीं कर पा रही थी, किन्तु अस्वीकार भी नहीं कर सकी. साथ ही इसी समय मधुबाला को एक भयानक रोग ने जकड लिया था. किशोर कुमार इस बात को जानते थे, किन्तु किसी को भी इस बीमारी की गहराई का अंदाजा नहीं था. शादी के बाद इस रोग के इलाज के लिए दोनों लन्दन गये. वहाँ डॉक्टर ने मधुबाला के हाल को देखते हुए कहा कि मधुबाला अब ज्यादा से ज्यादा 2 साल तक बच सकती हैं. इसके बाद किशोर कुमार ने मधुबाला को उनके पिता के घर में वापिस ये कहते हुए छोड़ दिया कि वे मधुबाला का ख्याल नहीं रख सकते क्यों कि वे ख़ुद अक्सर बाहर रहते हैं. किशोर कुमार के जीवन से जुडी बातें यहाँ पढ़ें.

मधुबाला के कितने बच्चे हैं

मधुबाला का विवाह किशोर कुमार के साथ होने के कुछ ही साल बाद मधुबाल की मृत्यु हो गई जिसके कारण मधुबाला का परिवारिक जीवन अधुरा ही रह गया. और उनके एक भी बच्चे नहीं हुए.

मधुबाला की मृत्यु कैसे हुई 

लगातार मेडिकल जांच से ये पता लगा कि मधुबाला के दिल में एक छेद है. इस रोग को हालांकी फ़िल्म इंडस्ट्री से छुपा कर रखा गया. इस रोग की वजह से उनके बदन में खून की मात्रा बढ़ती जा रही थी और ये अतिरिक्त खून उनकी नाक और मुँह से बाहर आने लगता था. डॉक्टर भी इस रोग के आगे हार गये और ये भी कहा गया कि यदि इसका ऑपरेशन भी किया गया तो ये एक साल से अधिक समय तक जिन्दा नहीं रह पाएंगी. इस दौरान इन्हें अभिनय छोड़ना पड़ा. इसके बाद इन्होने निर्देशन का रास्ता अपनाया. साल 1969 में इन्होने ‘फ़र्ज़ और इश्क़’ नाम की फ़िल्म का निर्देशन करना चाहा, किन्तु ये फ़िल्म बन नहीं पायी और इसी वर्ष 23 फरवरी 1969 को अपना 36 वाँ जन्मदिन मना लेने के 9 दिन बाद इनकी मृत्यु हो गयी.

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मधुबाला की फ़िल्में 

नीचे मधुबाला की लगभग सभी फिल्मो को उनके रिलीज़ होने के वक़्त के साथ दिया जा रहा है-

बसंत 1942
मुमताज़ महल 1944
धन्ना भगत 1945
पुजारी 1946
फुलवारी 1946
राजपूतानी 1946
नील कमल 1947
चित्तर विजय 1947
मेरे भगवन 1947
ख़ूबसूरत दुनिया 1947
दिल की रानी 1947
पराई आग 1948
लाल दुपट्टा 1948
देश सेवा 1948
अमर प्रेम 1948
सिपहिया 1949
सिंगार 1949
पारस 1949
नेकी और बदी 1949
महल 1949
इम्तिहान 1949
दुलारी 1949
दौलत 1949
अपराधी 1949
परदेस 1950
निशाना 1950
निराला 1950
मधुबाला 1950
हँसते आंसू 1950
बेक़सूर 1950
तराना 1951
सैयां 1951
नाजनीन 1951
नादान 1951
खज़ाना 1951
बादल 1951
आराम 1951
साकी 1952
देश्भक्तन 1952
संगदिल 1952
रेल का डिब्बा 1953
अरमान 1953
बहुत हुए दिन 1954
अमर 1954
तीरंदाज़ 1955
नक़ाब 1955
नाता 1955
मि और मिस 55 1955
शीरीं फरहाद 1956
राज हत 1956
ढाके की मलमल 1956
यहूदी की लड़की 1957
गेटवे ऑफ़ इंडिया 1957
एक साल 1957
पुलिस 1958
फागुन 1958
काला पानी 1958
हावड़ा ब्रिज 1958
चलती का नाम गाडी 1958
बागी सिपाही 1958
कल हमारा है 1959
इंसान जाग उठा 1959
दो उस्ताद 1959
महलों के ख्वाब 1960
जाली नोट 1960
बरसात की रात 1960
मुग़ले आज़म 1960
पासपोर्ट 1961
झुमरू 1961
बॉय फ्रेंड 1961
हाफ टिकट 1962
शराबी 1964
ज्वाला 1971

इस तरह बहुत कम ज़िन्दगी पा कर भी मधुबाला ने भारतीय सिनेमा को बहुत कुछ दिया.

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FAQ

Q : मधुबाला की पहली फिल्म कौन सी थी ?

Ans : बसंत, सन 1942 में आई थी.

Q : मधुबाला के बच्चे कितने हैं ?

Ans : एक भी नहीं

Q : मधुबाला के पति के नाम क्या था ?

Ans : किशोर कुमार

Q : मधुबाला और दिलीप कुमार का क्या रिश्ता था ?

Ans : वे दोनों गर्लफ्रेंड बॉयफ्रेंड थे.

Q : मधुबाला की मृत्यु कैसे हुई ?

Ans : उनके दिल में छेद था.

Q : मधुबाला की मृत्यु कब हुई ?

Ans : 23 फरवरी, 1969 में

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