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मराठी समझ इस भोजपुरी एक्टर को कर दिया गया था रिजेक्ट,फिर ऐसे मिल भोजपुरी फिल्मों में पहला ब्रेक

 
मराठी समझ इस भोजपुरी एक्टर को कर दिया गया था रिजेक्ट,फिर ऐसे मिल भोजपुरी फिल्मों में पहला ब्रेक

रवि किशन को भोजपुरी सिनेमा का पहला सुपरस्टार कहा जाता है. रवि किशन ने अपने फिल्मी सफर में काफी दौलत और नाम कमाया है। साथ ही काफी लोगों का भरोसा भी जीता है। रवि किशन आज जाने-माने अभिनेता होने के साथ-साथ राजनेता भी बन गए हैं। रवि किशन लोगों का मनोरंजन करने के साथ-साथ राजनीति में आकर उनकी मदद भी करते नजर आते हैं।

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वैसे तो फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखने के बाद रवि किशन की किस्मत बिल्कुल पलट गई थी, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस मुकाम को हासिल करने के लिए रवि किशन को कड़ा संघर्ष करना पड़ा था। रवि किशन के जीवन में एक समय ऐसा भी आया जब एक निर्देशक ने उन्हें मराठी अभिनेता समझकर एक फिल्म के लिए रिजेक्ट भी कर दिया था।

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दरअसल, एक हिंदी वेबसाइट से खास बातचीत में बृजेश त्रिपाठी ने रवि किशन से जुड़ा एक किस्सा सुनाया, जिसमें उन्होंने बताया कि ''रवि किशन को एक बार फिल्मकार मोहनजी प्रसाद ने गलती से मराठी अभिनेता समझकर उनकी फिल्म के लिए रिजेक्ट कर दिया था। बृजेश त्रिपाठी ने इंटरव्यू में यह भी बताया कि ''मोहन जी प्रसाद जब अपनी अगली फिल्म के लिए नए लड़के की तलाश कर रहे थे तो मैंने रवि किशन का नाम सुझाया था, लेकिन रवि किशन को देखकर मोहन जी प्रसाद की प्रतिक्रिया अच्छी नहीं रही। रवि किशन एक मराठी अभिनेता हैं, लेकिन मैंने इस गलतफहमी को तुरंत दूर कर दिया।

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रवि किशन साल 2002 में होली के मौके पर रिलीज हुई फिल्म 'सइयां हमार' में पहली बार बतौर हीरो नजर आए थे। मोहनजी प्रसाद ने रवि किशन को बतौर हीरो चुना था। यह फिल्म सिनेमाई पर्दे पर सुपर डुपर हिट रही थी। जिसके बाद रवि किशन को भोजपुरी फिल्मों के ऑफर मिलने लगे। साल 2005 तक रवि किशन की पॉपुलैरिटी इतनी बढ़ गई थी कि उन्हें न सिर्फ भोजपुरी बल्कि बॉलीवुड फिल्मों से भी ऑफर मिलने लगे।

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