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जिनके घुंघरू की झंकार से खिल उठता था बॉलीवुड,ऐसे थे Madhuri और Deepika तक को नचाने वाले ये शख्स 

 
जिनके घुंघरू की झंकार से खिल उठता था बॉलीवुड,ऐसे थे Madhuri और Deepika तक को नचाने वाले ये शख्स 

डांसर के लिए ताल और घुंघरू का तालमेल बिठाना आम बात है, लेकिन जब घुंघरू की खनखनाहट पर दर्शकों का दिल जीतने की बात आती है तो पंजीत बिरजू महाराज का नाम सबसे पहले आता है। उन्होंने कथक को न केवल एक अलग स्तर पर पहुंचाया है, बल्कि भारतीय संस्कृति को सभी के बीच प्रसिद्ध करने के लिए सरकार द्वारा सम्मानित भी किया गया है। आज उसका जन्मदिन है। तो आइए इस खास मौके पर जानते हैं उनसे जुड़ी कुछ खास बातें।

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बिरजू महाराज का जन्म 4 फरवरी 1939 को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हुआ था। पंडित बिरजू महाराज कथक, लखनऊ के कालका-बिंदानिन घराने से ताल्लुक रखते हैं। इतना ही नहीं उन्होंने बॉलीवुड की कई एक्ट्रेसेस को भी अपनी धुन पर नचाया है। आपको बता दें कि पंडित बिरजू महाराज ने छोटी उम्र से ही अपने चाचा लच्छू महाराज और शंभू महाराज से कथक सीखा था। उन्होंने कथक को न सिर्फ भारत में बल्कि पूरी दुनिया में एक नई पहचान दी है। इसके साथ ही उन्होंने बॉलीवुड की कुछ फिल्मों में कोरियोग्राफी को एक नया रंग दिया है।

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बिरजू महाराज ने बॉलीवुड की कई हीरोइनों को भी अपनी ताल पर नचाया है। बता दें कि उन्होंने बॉलीवुड की कई फिल्मों में कोरियोग्राफी भी की है। बॉलीवुड में पहली बार, उन्होंने सत्यजीत रे की शतरंज के खिलाड़ी में एक नहीं बल्कि दो डांसिंग नंबरों को कोरियोग्राफ किया। वहीं दिल तो पागल है में भी उन्होंने माधुरी दीक्षित को अपनी बीट्स पर नचाया था। बता दें कि बिरजू महाराज माधुरी को बेस्ट डांसर मानते थे। उन्होंने फिल्म 'देवदास' में 'काहे छेड़ छेड़ मोहे' के लिए माधुरी दीक्षित को डांस सिखाया।
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बिरजू महाराज माधुरी को सिर्फ डांस सिखाने तक ही सीमित नहीं थे, उन्होंने बॉलीवुड की मस्तानी को भी अपने इशारों पर नचाया। उन्होंने फिल्म 'बाजीराव मस्तानी' के गाने 'मोहे रंग दो लाल' में दीपिका पादुकोण को कथक भी सिखाया। बिरजू महाराज को 1986 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया जा चुका है। उन्हें संगीत नाटक अकादमी और कालिदास सम्मान भी मिल चुका है।

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