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दिल्ली हाई कोर्ट ने इस फिल्म की रिलीज़ पर रोक लगाने से किया इंकार,निर्देशक को मिली राहत 

 
दिल्ली हाई कोर्ट ने इस फिल्म की रिलीज़ पर रोक लगाने से किया इंकार,निर्देशक को मिली राहत 

दिल्ली हाई कोर्ट ने 2016 में ढाका में हुए आतंकी हमले पर आधारित फिल्म 'फराज' की रिलीज पर रोक लगाने से गुरुवार को इनकार कर दिया। दो पीड़ितों की माताओं ने फिल्म की रिलीज को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और प्रतिबंध लगाने की मांग की। हंसल मेहता द्वारा निर्देशित फिल्म 3 फरवरी को रिलीज होने वाली है। जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और तलवंत सिंह की खंडपीठ ने फिल्म निर्माताओं को निर्देश दिया था कि वे फिल्म में पेश किए गए डिस्क्लेमर का 'गंभीरता से पालन' करें। डिस्क्लेमर में कहा गया है कि फिल्म एक सच्ची घटना से प्रेरित है लेकिन इसमें निहित तत्व पूरी तरह से काल्पनिक हैं।

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हाईकोर्ट ने 24 जनवरी को नोटिस जारी कर फिल्म के निर्देशक और निर्माताओं को एक याचिका पर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था। इस बेंच ने पांच दिन में जवाब दाखिल करने की बात कही थी। पिछली सुनवाई के दौरान माताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अखिल सिब्बल ने अदालत को सूचित किया कि फिल्म निर्माता मेहता और निर्माताओं ने उन्हें रिलीज से पहले फिल्म देखने की अनुमति नहीं दी है। उन्होंने कहा था, 'उन्होंने इससे पूरी तरह इनकार किया है।

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सिब्बल ने तर्क दिया था कि उन्होंने फिल्म निर्माताओं से फिल्म का नाम बदलने के लिए कहा था, लेकिन वे नहीं माने। उन्होंने कहा, हमें नहीं पता कि फिल्म में किन नामों का इस्तेमाल किया गया है। 2021 में उन्होंने हमें भरोसा दिलाया कि पीड़ित दो लड़कियों के नाम नहीं लिए जाएंगे. इस पर कोर्ट ने पूछा था कि इसका फिल्म के नाम से क्या संबंध है? सिब्बल ने कहा था कि यह उस शख्स का नाम है जो हमले का शिकार हुआ था।

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इससे पहले पीठ ने कहा था कि फिल्मकार को पहले उर्दू शायर अहमद फराज के रुख का विश्लेषण करना चाहिए। कोर्ट ने कहा था, अगर आप फिल्म का नाम 'फराज' रख रहे हैं तो आपको पता होना चाहिए कि अहमद फराज का क्या मतलब था। अगर आप मां की भावनाओं के प्रति संवेदनशील हैं तो उनसे बात करें।

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