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25 सालों से गुमशुदा है ये 80 के दशक के मशहूर एक्टर,जन्मदिन पर बेटी हर साल करती है पोस्ट 

 
25 सालों से गुमशुदा है ये 80 के दशक के मशहूर एक्टर,जन्मदिन पर बेटी हर साल करती है पोस्ट 

आपने बॉलीवुड सितारों से जुड़े कई किस्से सुने और पढ़े होंगे, लेकिन आज हम जिस अभिनेता के बारे में बात करने जा रहे हैं, उसे जानकर आप दंग रह जाएंगे। दिवंगत अभिनेता ऋषि कपूर की फिल्म 'कर्ज' से देशभर में मशहूर हुए 80 के दशक के हीरो राज किरण महतानी पिछले 25 सालों से गायब हैं। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो पिछले 25 सालों से राज किरण का कोई ठिकाना नहीं है। उसके परिजन भी उसकी तलाश कर रहे हैं, लेकिन अभी तक उसका कुछ पता नहीं चला है। राज की दो बेटियां हैं- ऋषिका महतानी और मन्नत महतानी और उनकी पत्नी रूपा ने भी दूसरी शादी की है। राज की बेटी ऋषिका पेशे से ज्वेलरी डिजाइनर हैं और वह हर साल अपने पिता को उनके जन्मदिन पर अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक पोस्ट कर शुभकामनाएं देती हैं।

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ऋषिका के पास अपने पिता के साथ सिर्फ एक ही फोटो है, जिसे वह हर बार सोशल मीडिया पर पोस्ट करती हैं, जिसमें वह काफी यंग नजर आती हैं और पिंक ड्रेस में अपने पिता राज किरण की गोद में बैठी हैं. वह अपने पिता को उनके जन्मदिन पर शुभकामना देने के लिए इस तस्वीर का उपयोग करती हैं। राज किरण का फिल्मी करियर काफी अच्छा चल रहा था, मुख्य भूमिका के अलावा उन्होंने कई सहायक भूमिकाएँ भी निभाईं, लेकिन उनका इस तरह अचानक गायब हो जाना उनके प्रशंसकों के लिए भी आश्चर्य का विषय था।

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कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि करियर के बैकसीट लेने के बाद राज किरण गंभीर डिप्रेशन में चले गए थे। बाद में, उन्हें मुंबई के भायखला पागलखाने में भर्ती कराया गया था। वह उद्योग से गायब हो गया और माना जाता था कि वह कई वर्षों तक अमेरिका में वैरागी के रूप में रह रहा था। वहीं, जून 2011 में, संयुक्त राज्य अमेरिका की यात्रा पर, ऋषि कपूर ने लापता अभिनेता के भाई गोबिंद महतानी को फोन किया, जिन्होंने उन्हें बताया कि अभिनेता अटलांटा में एक पागलखाने में हैं, जहां वह एक मानसिक बीमारी के कारण रह रहे हैं। मानसिक बिमारी।

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जबकि 2011 में उनकी बेटी रिशिका ने पब्लिक स्टेटमेंट जारी कर राज किरण के अटलांटा में पाए जाने की खबरों को गलत बताया था। उन्होंने कहा कि वह और उनका परिवार न्यूयॉर्क पुलिस और निजी जासूसों की मदद से वर्षों से उनकी तलाश कर रहे थे। राज को आज भी कागज की नाव (1975), शिक्षा (1979), मान अभिमान (1980) और एक नया रिश्ता (1988), कर्ज (1980), बसेरा (1981), अर्थ (1982), राज तिलक (1984), और वारिस (1988) जैसी फिल्मों के लिए जाने जाते हैं।

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