Manoranjan Nama

 Temple Attack वन मैन आर्मी हैं Akshay Khanna का बेस्ट परफॉरमेंस 

 
अक्षय खन्ना

आंतकवादी घटनाओं पर बनी फिल्मों की सफलता इस बात पर निर्भर करती हैं कि इसे देखने के बाद दर्शक कितना सहर पाते हैं। इसमें आंतकी घटनाओं की वीभत्सता के साथ-साथ आम लोगों के इमोशन्स, उनकी पीड़ा और अंत में बुराई पर अच्छाई की विजय ही मेन इंग्रीडिएंट्स होते हैं। इस मुद्दे पर बनी बॉलीवुड की कई फिल्मों में दर्शकों ने ये सभी इमोशन्स फील किए हैं।वेब फिल्म की कहानी मेजर हनूत सिंह (अक्षय खन्ना) की है। जिसके बाद ये ऑपरेशन मेजर हनूत सिंह की टीम संभालती है। फिल्म में दर्शायी गई ये घटना गुजरात के अक्षरधाम मंदिर पर साल 2002 में हुए आंतकी घटना पर आधारित है। निर्माताओं ने इसे इस घटना पर आधारित नहीं, बल्कि एक सच्ची घटना पर आधारित बताया है। जहां अक्षरधाम मंदिर का नाम बदलकर कृष्ण धाम मंदिर रखा गया है।

अक्षय खन्ना

निर्देशक केन घोष की कमान तले बनी इस फिल्म की सबसे बड़ी खासियत और हाईलाइट अक्षय खन्ना की दमदार एक्टिंग है। शुरू से अंत तक फिल्म पूरी तरह अक्षय खन्ना पर ही केंद्रित है। जिसे उन्होंने अपनी दमदार एक्टिंग से संभाले रखा है। फिल्म काफी ग्रिपिंग है और सीन दर सीन ये दर्शकों को बांधे रखती है। अक्षय खन्ना ने एनएसजी कमांडो के रोल को पूरी शिद्दत से निभाया है। उन्हें टक्कर देने के लिए गौतम रोड़े ने भी अपनी एक्टिंग से लोगों को इंप्रेस किया है। हालांकि विवेक दहिया अपने किरदार में फीके रह गए हैं। उनके हिस्से छोटा लेकिन दमदार किरदार था।फिल्म की सबसे बड़ी कमी इसका प्रिडिक्टिबल होना है।

फिल्म में आगे क्या होगा, इसका अनुमान दर्शक पहले ही लगा लेते हैं। जिससे फिल्म के रोमांच में कमी रह जाती है। फिल्म में आंतकवादियों की इस्तेमाल की गई टूटी-फूटी पंजाबी भाषा भी आपको खलेगी। फिल्म में काफी खौफनाक सीन है जहां आंतकवादी बुरी तरह से लोगों को मारते हुए दिखते हैं। बावजूद इसके ये सीन दर्शकों को हिला नहीं पाते। साथ ही क्लाइमेक्स भी काफी बोरिंग है। जो फिल्म के खत्म होने पर दर्शकों को थैंक गॉड की फीलिंग देता है।इन छोटी कमियों को अगर दरकिनार कर दें तो ये फिल्म देखने लायक है। 

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