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आखिर The Diary Of West Bengal को लेकर क्यों मचा हुआ है बवाल ? निर्माताओं को पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान से मिल रही धमकियां 

 
आखिर The Diary Of West Bengal को लेकर क्यों मचा हुआ है बवाल ? निर्माताओं को पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान से मिल रही धमकियां 

सिनेमा जगत में कई ऐसी फिल्में बनी हैं, जिनके जरिए सच्चाई को पर्दे पर दिखाया गया है। इन दिनों एक ऐसी ही फिल्म चर्चा में है, जिसका नाम है 'द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल'. जी हां, इस फिल्म को लेकर लोगों के बीच काफी चर्चा है लेकिन अब फिल्म के मेकर्स ने इसे लेकर एक बड़ा खुलासा किया है. अगर आप भी नहीं जानते तो आइए हम आपको बताते हैं...

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फिल्म 'द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल' सच्ची घटना पर आधारित है
दरअसल, हाल ही में इस फिल्म को लेकर मुंबई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस रखी गई। कल यानी शनिवार को फिल्म की पूरी टीम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लिया. इस बारे में फिल्म के प्रोड्यूसर वसीम रिजवी ने बात की हैजी हां, वसीम रिजवी का कहना है कि हमने सच्ची घटना पर फिल्म 'द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल' बनाई है, लेकिन अब इस फिल्म को लेकर पाकिस्तान के कराची स्थित आतंकी संगठन जामिया दारुल उलूम ने फतवा जारी किया है।

फिल्म रिलीज न करने की धमकी
जी हां, वसीम रिजवी ने आगे कहा कि उन्होंने न सिर्फ फतवा जारी किया बल्कि इस फिल्म को रिलीज न करने की धमकी भी दी। उन्होंने कहा कि फिल्म रिलीज करने में किसी को क्या दिक्कत है? इससे तो यही लगता है कि पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार को पाकिस्तान के आतंकी संगठन के लोग चला रहे हैं? उन्होंने कहा कि फिल्म की रिलीज रोकने और इस तरह से फतवा जारी करने का क्या मतलब निकाला जाए?

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मेकर्स को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है
इतना ही नहीं वसीम रिजवी ने कहा कि क्या अब हमें समाज की बुराइयों को दिखाने पर प्रताड़ित किया जाएगा? उन्होंने कहा कि इस फिल्म के कारण हमें पहले ही बहुत नुकसान हो चुका है, इसकी भरपाई कौन करेगा? वसीम ने आगे सवाल किया कि अगर पश्चिम बंगाल में सब कुछ ठीक है तो फिल्म को रिलीज करने की इजाजत क्यों नहीं दी जा रही है? आख़िर समस्या क्या है? उन्होंने पूछा कि ममता बनर्जी की सरकार हमारी टीम के पीछे क्यों पड़ी है?

फिल्म को प्रोपेगैंडा फिल्म क्यों कहा जा रहा है?
फिल्म निर्माता ने पूछा, क्या हमने यह फिल्म बनाकर कोई अपराध किया है? आखिर बिना रिलीज हुए ही इस फिल्म को प्रोपेगेंडा फिल्म क्यों कहा जा रहा है? इतना ही नहीं बल्कि फिल्म के डायरेक्टर ने भी इस बारे में बात की। जी हां, उन्होंने कहा कि अगर इस देश में 'कश्मीर फाइल्स', 'मिशन कश्मीर', 'द केरल स्टोरी', 'उड़ता पंजाब' जैसी फिल्में बन सकती हैं तो इसमें दिक्कत क्या है? उन्होंने कहा कि हमारी फिल्म बनकर तैयार है और 27 अप्रैल को रिलीज होगी।

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सेंसर बोर्ड चुप रहा
इतना ही नहीं, फिल्म को सेंसर कर दिया गया है, लेकिन अब तक सेंसर बोर्ड ने फिल्म को रिलीज करने का सर्टिफिकेट नहीं दिया है. ऐसे में मेकर्स को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. सेंसर बोर्ड ने अभी तक इस बारे में कुछ नहीं कहा है। ऐसा लग रहा है कि फिल्म को लेकर सेंसर बोर्ड ने चुप्पी साध रखी है। मेकर्स भी सेंसर बोर्ड के चक्कर लगाकर रुक गए हैं, लेकिन बोर्ड कुछ भी कहने से बच रहा है।

क्या है पूरा मामला?
दरअसल, इस फिल्म का ट्रेलर रिलीज होने के बाद से ही बंगाल सरकार ने इसका विरोध किया था. फिल्म के ट्रेलर पर बंगाल की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने कड़ी आपत्ति जताई है. फिल्म के ट्रेलर में बंगाल को 'दूसरा कश्मीर' बताया गया है. इतना ही नहीं, पिछले साल फिल्म के डायरेक्टर सनोज मिश्रा ने यहां तक कह दिया था कि अगर वह पश्चिम बंगाल गए तो उनकी हत्या कर दी जाएगी।

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