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अपनी जवानी के दिनों में ऐसी दिखती थीं सुरेखा सीकरी, दादी-नानी के किरदार से जीता दिल जाने पूरा मामला 

 
सुरेख

राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता अभिनेत्री सुरेखा सीकरी का निधन शुक्रवार सुबह हृदय गति रुकने से हो गया। वह 75 साल की थीं। सीकरी ने ‘तमस’, ‘मम्मो’, ‘सलीम लंगड़े पे मत रो’, ‘ज़ुबेदा’, ‘बधाई हो’ जैसी फिल्में की हैं और धारावाहिक ‘बालिका वधू’ में निभाए उनके ‘दादी सा’ के किरदार को भी काफी लोक्रपियता मिली थी। सीकरी आखिरी बार 2020 में ‘नेटफ्लिक्स’ की फिल्म ‘घोस्ट स्टोरीज़’ में नजर आई थीं। उनके परिवार में उनका बेटा राहुल सीकरी है। तीन बार नेशनल अवॉर्ड विजेता रह चुकीं सुरेखा सीकरी को आज के दर्शकों ने हमेशा दादी के रोल में देखा है।

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सीरियल्स की दुनिया में भी सुरेखा सीकरी ने अपनी अदाकारी का लोहा मनावाया। 'बालिका वधू' समेत 'परदेस में है मेरा दिल', 'एक था राजा एक थी रानी', 'सात फेरे', 'बनेगी अपनी बात' जैसे प़ॉपुलर सीरियल्स में उन्होने अपनी अदाकारी की छाप छोड़ी। 'बालिका वधू' (Balika Vadhu) सीरियल के लिए 2008 में इंडियन टेली अवॉर्ड बेस्ट निगेटिव रोल जीता।

बहुत कम लोग जानते होंगे कि अपनी अदाकारी से लाखों दिलों पर राज करने वाली सुरेखा सीकरी एक्टर नहीं बल्कि पत्रकार बनना चाहती थीं। सुरेखा सीकरी का जन्म 19 अप्रैल 1945 को हुआ. उन्होंने अपना बचपन नैनीताल और अल्मोड़ा में बिताया था। कहा जाता है कि अभिनय की दुनिया में उनका आना भी लक बाय चांस रहा। दरअसल, अलीगढ़ मुस्लिम युनिवर्सिटी की छात्रा रहीं सुरेखा एक बार 'द किंग लियर' नाटक देखने पहुंची थी।

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