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ये है हॉलीवुड की सबसे डरावनी फ़िल्में,अकेले देखने में कांप उठेगी रूह,अटक जाएंगी सांसें

 
ये है हॉलीवुड की सबसे डरावनी फ़िल्में,अकेले देखने में कांप उठेगी रूह,अटक जाएंगी सांसें

मनोरंजन की दुनिया बड़ी दिलचस्प है। यह हमें हंसाता है, रुलाता है, रोमांस के गुर सिखाता है। लेकिन यह हमें कभी-कभी डरा भी देता है... कहते हैं कि डर तो सभी को लगता है। लेकिन हम में से कई ऐसे भी हैं, जो हाथ में पॉपकॉर्न लेकर लाइट बुझाकर सिनेमा के जॉनर का लुत्फ उठाते हैं। बॉलीवुड से लेकर हॉलीवुड तक ऐसी डरावनी कहानियां दिखाने वाली कई फिल्में देखी हैं, जिनके सामने हमारी भी रूह कांप जाती है। लेकिन आज इस लेख में हम आपको हॉलीवुड की उन डरावनी फिल्मों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें विश्लेषकों ने अब तक की सबसे डरावनी फिल्में करार दिया है। तो चलिए बिना देर किए आपको ले चलते हैं हॉलीवुड की डरावनी फिल्मों की दुनिया में।

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द एक्सोरसिस्ट (1973)
'द एक्सोरसिस्ट' एक हॉलीवुड हॉरर फिल्म है, जिसे देखने के बाद दिमाग सुन्न हो जाता है और जुबान अटक जाती है। इस हॉरर फिल्म को आज तक जिसने भी देखा है उसके मुंह से चीख निकल ही गई होगी. आम जानकारों के मुताबिक भी यह हॉलीवुड की अब तक की सबसे डरावनी फिल्म है। विलियम फ्रेडकिन द्वारा निर्देशित 1973 की इस फिल्म की कहानी एक लड़की के इर्द-गिर्द घूमती है, जिस पर भूत का साया है। इस लड़की के लिए हालात बद से बदतर होते चले जाते हैं और फिल्म के प्रति लोगों की दिलचस्पी बढ़ती जाती है। अपनी बेटी को अंधेरे के साये से दूर ले जाने के लिए लड़की की मां दो पुजारियों की मदद लेती है। यही वजह है कि फिल्म का हर सीन और भी डरावना हो जाता है।

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हैलोवीन (1978)

इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर साल 1978 में रिलीज हुई फिल्म हैलोवीन का है। यह हॉलीवुड की एक ऐसी फिल्म है जिसने दर्शकों को सदियों से रातों-रात जगाए रखा है। फिल्म में भले ही सफेद नकाब पहने सिर्फ एक दीवाना हो, लेकिन वह भी दर्शकों को सालों तक बांधे रखने के लिए काफी था। उन दिनों फिल्माए गए इसके तमाम सीन लोगों को सिर से पांव तक सिहरने पर मजबूर कर देते थे। दृश्यों के साथ-साथ इसका बैकग्राउंड म्यूजिक इतना लाजवाब था कि घर के किसी भी कोने में बैठा शख्स भी चीख उठता। इस फिल्म की कहानी इतनी डरावनी, रहस्यमयी और रोमांचकारी थी कि हैलोवीन आज के दौर की भूतिया फिल्मों को काफी टक्कर देती है।

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पैरानॉर्मल एक्टिविटी (2007)
पैरानॉर्मल एक्टिविटी एक ऐसी हॉरर फिल्म है जो फैन्स की पसंदीदा है। खासतौर पर उनके लिए जो भूतिया फिल्मों के शौकीन हैं। 2007 में रिलीज हुई इस अमेरिकन सुपरनेचुरल हॉरर फिल्म का निर्देशन ओरेन पाले ने किया था। यह एक युवा जोड़े की कहानी थी जो अपने घर में अलौकिक गतिविधि का अनुभव करते हैं। ये कपल अपना घर छोड़ने की बजाय अपने साथ हो रही इन घटनाओं को कैमरे में कैद करने का फैसला करता है. इस कपल के साथ हो रही घटनाओं को देखकर हर कोई हैरान हो सकता है और उनके मन में डर भी पैदा हो सकता है।

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द शाइनिंग (1980)

'द शाइनिंग' हॉलीवुड की सबसे डरावनी हॉरर फिल्मों में से एक है। 42 साल पहले रिलीज हुई इस भूतिया फिल्म को लेकर लोगों के दिलो-दिमाग में क्रेज कम नहीं हुआ है. फिल्म की कहानी एक ऐसे परिवार की है, जो एक सुनसान होटल में रहता है। सुनसान होटल में सर्द रातें बिताना कितना मुश्किल और डरावना हो सकता है, यह फिल्म बखूबी दिखाती है। होटल भुतहा है क्योंकि एक के बाद एक अजीबोगरीब घटनाएं होती हैं। इस परिवार में एक बेटा है, जो मानसिक रूप से बीमार है। उसे कल और कल की अजीब घटनाएं दिखाई देने लगती हैं। यहीं से इस फिल्म की कहानी डरावनी हो जाती है।

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साइलेंट हाउस (2011)
अभिनेत्री एलिजाबेथ ओल्सेन की पहली फिल्म ने रोंगटे खड़े कर दिए थे। यह अलौकिक शक्तियों के साथ एक महिला के दु:खद अनुभव की कहानी कहती है जब वह अपने घर के अंदर फंस जाती है। यह कहानी उरुग्वे में घटी एक घटना पर आधारित है। फिल्म का निर्देशन जोड़ी क्रिस केंटिस और लॉरा लाउ ने किया था। उस घर के अंदर जो कुछ होता है वह रूह कांप जाता है।

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