Manoranjan Nama

Auhaam Review : क्राइम पेट्रोल के बड़े संस्करण के रूप में पेश हुई औहाम, सिनेमाघरों तक दर्शकों को लाना बड़ी चुनौती

 
Auhaam Review : क्राइम पेट्रोल के बड़े संस्करण के रूप में पेश हुई औहाम, सिनेमाघरों तक दर्शकों को लाना बड़ी चुनौती

क्राइम शो का अपना एक विशाल दर्शक वर्ग होता है। सोनी चैनल पर जब क्राइम शो 'क्राइम पेट्रोल' शुरू हुआ तो इस शो की लोकप्रियता को देखते हुए सभी चैनलों ने क्राइम शो शुरू कर दिए। फिल्म 'आउहम' भी इसी सुर की कहानी है, लेकिन सबसे पहले यह जान लेना जरूरी है कि 'आउहम' का मतलब क्या है? 'औहम्' का अर्थ है भ्रम उत्पन्न करना। फिल्म 'दृश्यम' और इसके सीक्वल में जिस तरह से अजय देवगन और पुलिस के बीच खेल चलता है, फिल्म 'औहम' की कहानी भी बिल्कुल वैसी ही है।

,
फिल्म 'औहम' की कहानी शिव और रिया नाम के एक जोड़े से शुरू होती है जो एक दूसरे से शादी करने के लिए घर से भाग जाते हैं। शिव के दोस्त उन्हें भागने और शादी करने में मदद करते हैं। शादी के कुछ साल बाद शिव की पत्नी अचानक कहीं गायब हो जाती है। शिवा अपनी पत्नी की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराने पुलिस के पास जाता है और फिर यहीं से क्राइम पेट्रोल की तर्ज पर पुलिस की जांच शुरू होती है। जांच के दौरान, पुलिस को पता चला कि शिवा की पत्नी के लापता होने के दिन से ही शिवा का दोस्त भी लापता है। पुलिस को उसके दोस्त पर भी शक है लेकिन शिवा को यकीन नहीं हो रहा है कि उसका दोस्त ऐसा कर सकता है। कहानी में अगड़ी और पिछड़ी जातियों का एंगल भी डाला गया है।

,
वैसे आजकल और पहले भी बन रही फिल्मों में उत्तर प्रदेश पुलिस की छवि दागदार दिखाई जाती रही है. लेकिन, फिल्म 'औहम' में प्रदेश की पुलिस की अच्छी छवि दिखाने की कोशिश की गई है. फिल्म की खासियत यह है कि यह धीरे-धीरे अपने पत्ते खोलते हुए आगे बढ़ती है। फिल्म के निर्देशक अंकित हंस ने इस बात का ध्यान रखने की कोशिश की है कि फिल्म का सस्पेंस अंत तक बरकरार रहे. फिल्म का सबसे कमजोर पहलू यह है कि यह फिल्म सिनेमाघरों की संख्या तक पहुंचने में सफल रही है और दर्शकों के सामने इसे देखने के लिए सिनेमाघरों में आने का कोई आकर्षण नहीं है।

,
हृदय सिंह ने फिल्म 'औहम' में शिव का किरदार निभाया है। उनकी पत्नी रिया की भूमिका दिव्या मलिक और वरुण सूरी ने पुलिस अधिकारी के रूप में निभाई है। पूरी फिल्म की कहानी इन्हीं तीन किरदारों के इर्द-गिर्द घूमती है। शिवा और रिया की बेटी जनेशा सूरी ने क्षमता दिखाई है। फिल्म का संगीत कमजोर है। सिनेमैटोग्राफी और एडिटिंग में ऐसा कुछ खास नहीं है जो दर्शकों पर प्रभाव छोड़ सके।

Post a Comment

From around the web