Kaala Review : हवाला और काले धन के जाल को लोगों के सामने रखती है Avinash Tiwari की ये सीरीज, यहाँ पढ़िए पूरा रिव्यु

जबरदस्त क्राइम ड्रामा और सस्पेंस से भरपूर वेब सीरीज 'काला' रिवर्स हवाला की दुनिया को दर्शकों के सामने पेश करती है। इस सीरीज में सत्ता की भूख और हवस को दिखाया गया है। काला' का निर्देशन बेजॉय नांबियार ने किया है, जबकि इसके निर्माता भूषण कुमार, किशन कुमार और खुद बेजॉय नांबियार हैं। इसे आज यानी 15 सितंबर को डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर रिलीज कर दिया गया है। काला' में अविनाश तिवारी, रोहन विनोद मेहरा, निवेधा पेथुराज, ताहिर शब्बीर, जितिन गुलाटी, अलीशा मेयर और हितेन तेजवानी और कई अन्य कलाकार हैं। खास बात यह है कि सीरीज में मुख्य भूमिका निभाने वाले कई चेहरे नए नजर आते हैं। इसमें काले धन और मनी लॉन्ड्रिंग की धुंधली दुनिया को दर्शाया गया है, जिसकी कहानी बेहद ताज़ा और दमदार है। आइए जानते हैं इसकी कहानी।
कहानी
ऋत्विक यानी अविनाश तिवारी एक आईबी ऑफिसर है, जिसे कोई देश के सबसे बड़े बिजनेसमैन नमन आर्य के अवैध कारोबार के बारे में जानकारी देता है। नमन जो भारत के वेस्ट रिसाइक्लिंग किंग के नाम से मशहूर है, लेकिन अपने बिजनेस की आड़ में वह बड़े पैमाने पर रिवर्स हवाला का काम करता है। जांच के दौरान ऋत्विक के सामने भी ये बात सामने आई है.। इसलिए ऋत्विक नमन के खिलाफ सबूत इकट्ठा करना शुरू कर देता है। लेकिन क्या कोई भी काम इतनी आसानी से हो जाता है जितना सोचा जाता है? इस दोहरे कृत्य में नमन आर्य के साथ कई बड़े लोग शामिल है। पैसों के कारण वह सबको चुप करा देता है और बदले में ऋत्विक को फंसा देता है।
अब इन सब परेशानियों के बीच ऋत्विक खुद को कैसे निर्दोष साबित करेगा? क्या वह नमन आर्य की अवैध गतिविधियों को उजागर कर पाएगा? ये जानने के लिए आपको आठ एपिसोड की ये पूरी सीरीज देखनी होगी। अगर आप एक भी एपिसोड मिस कर देते हैं तो आपको कहानी समझ नहीं आएगी क्योंकि असल में यह उतना आसान नहीं है जितना हमने आपको यहां बताया है। हर एपिसोड अपने आप में एक अलग सस्पेंस रखता है, जो आपको सीरीज़ बीच में छोड़ने नहीं देगा।
अभिनय
'काला' में पुलिस ऑफिसर की भूमिका में अविनाश तिवारी ने बेहतरीन एक्टिंग की है। उनकी डायलॉग डिलीवरी और एक्शन अंदाज आपको पसंद आएगा, एक तरह से वह पूरी सीरीज की जान हैं। इसके साथ ही जितिन गुलाटी ने भी शानदार परफॉर्मेंस दी है, उन्होंने अपनी सादगी और बॉडी लैंग्वेज से सीरीज में एक अलग छाप छोड़ी है वहीं रोहन विनोद मेहरा ने भी अपनी उम्र से ज्यादा उम्र का किरदार निभाकर अपनी बेहतरीन एक्टिंग दिखाई है। ताहिर शब्बीर ने भी बहुत अच्छा काम किया है। अलीशा मेयर और निवेधा को जो भी स्क्रीन टाइम मिला उसमें उन्होंने बेहतरीन काम किया है।
डायरेक्शन
हवाला और मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर अब तक कई फिल्में और वेब सीरीज देखने को मिल चुकी हैं लेकिन रिवर्स हवाला के कॉन्सेप्ट की यह कहानी बिल्कुल ताजा लगती है। नए चेहरों के साथ भी बेजॉय नांबियार ने बढ़िया काम किया है। एक्शन और ड्रामा दोनों की टाइमिंग बिल्कुल परफेक्ट लगती है, कहीं भी नहीं लगता कि ये सीन जबरदस्ती डाला गया है. बीच-बीच में बांग्ला भाषा का प्रयोग इसे काफी हद तक जमींदोज कर देता है। कुल मिलाकर सीरीज देखने लायक है।