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'वो किलर नहीं कसाई था...' सर से पांव तक रोंगटे खड़े कर देगी इस सीरियल किलर की कहानी, इस डॉक्यूमेंट्री को देखने के बाद नहीं आएगी नींद 

 
'वो किलर नहीं कसाई था...' सर से पांव तक रोंगटे खड़े कर देगी इस सीरियल किलर की कहानी, इस डॉक्यूमेंट्री को देखने के बाद नहीं आएगी नींद 

बिहार से एक आदमी दिल्ली आया और हत्यारा बन गया, जिसने लोगों को मार डाला और उनके शरीर के टुकड़े शहर में जगह-जगह फेंक दिए। यह हत्यारा इतना पागल था कि वह लोगों की हत्या करने के बाद उनके शवों को तिहाड़ जेल के सामने फेंक देता था। इतना ही नहीं इसके बाद उन्होंने पुलिस को खुलेआम चुनौती दी कि अगर तुम उन्हें पकड़ सकते हो तो मुझे भी पकड़ लो।

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दिल्ली के कसाई की खौफनाक कहानी

जी हां, हम बात कर रहे हैं दिल्ली के सबसे खतरनाक सनकी हत्यारे चंद्रकान झा की, जिसके बारे में जानकर लोग खौफ खाते थे। इस सीरियल किलर पर बनी डॉक्युमेंट्री 'इंडियन प्रीडेटर: द बुचर ऑफ डेल्ही' नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम हो रही है। यह सच्ची घटना पर आधारित एक अपराध वृत्तचित्र-श्रृंखला है। इसमें 2006 में दिल्ली में हुई घटना की पूरी कहानी दिखाई गई है. अगर आप सस्पेंस से भरपूर कंटेंट देखने के शौकीन हैं तो इंडियन प्रीडेटर देखना आपके लिए दिलचस्प हो सकता है।

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चंद्रकांत झा के अजीबोगरीब कारनामे

साल 2006 में दिल्ली के कई इलाकों में पुलिस को कई शव मिले थे। हत्यारे ने पहले शव को तिहाड़ जेल के पास फेंक दिया और दूसरे शव को भी वहीं ठिकाने लगा दिया। चंद्रकांत ने तीसरे शव को टुकड़ों में काट कर कई जगह रख दिया था। हत्यारे ने तीनों लाशों का सिर धड़ से अलग कर दिया था। चंद्रकांत ने कितने लोगों की हत्या की है, इसका कोई हिसाब-किताब नहीं है। लेकिन गांव के लोगों के मुताबिक उसने 44 हत्याएं की हैं. जब ये मामला दिल्ली पुलिस के सामने आया तो हर कोई हैरान रह गया। चौंकाने वाली बात तो यह थी कि हत्यारा खुद ही पुलिस को उसे पकड़कर दिखाने की चुनौती दे रहा था।

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'तुम्हारे पापा और जीजाजी तुम्हारा इंतज़ार कर रहे हैं'

इतना ही नहीं चंद्रकांत झा शव के पास पुलिस के लिए एक नोट भी छोड़ता था और उसमें लिखा था, 'तुम लोग मुझे कभी नहीं पकड़ पाओगे, तुम्हारे पिता और जीजा तुम्हारा इंतजार कर रहे हैं.' इसके अलावा वह अपने पत्रों में पुलिस को भी गालियां देती थी. ये सीरीज इतनी जबरदस्त है कि इसकी कहानी हर किसी की रूह कांप जाती है। इस सीरीज का निर्देशन आयशा सूद ने किया है. इस सीरीज में चंद्रकांत की तीन हत्याओं का जिक्र किया गया है।

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पुलिस ने जाल बिछाकर उसे रंगे हाथ पकड़ लिया
चंद्रकांत झा को हत्यारा नहीं बल्कि दिल्ली का कसाई माना जाता था। जब चंद्रकांत ने तीसरी हत्या की तो पुलिस को कई सबूत भी मिलने लगे। हत्यारा एक डॉक्टर के पास जाता था और पुलिस को उस डॉक्टर का पता भी मिल गया। बस इसके बाद चंद्रकांत के पकड़े जाने के दिन करीब आने लगे। इसके बाद पुलिस ने उसका स्केच तैयार किया और ऐसा जाल बिछाया कि वर्ष 2007 में चंद्रकांत झा पुलिस के हत्थे चढ़ गया।


दिल्ली के कसाई को फाँसी की सज़ा सुनाई गई, लेकिन बाद में इसे आजीवन कारावास में बदल दिया गया। हत्यारे ने साल 2022 में पैरोल की मांग की थी, लेकिन उसे पैरोल नहीं दी गई. चंद्रकांत झा अभी भी तिहाड़ जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं। इस घटना की झलक वेब सीरीज 'इंडियन प्रीडेटर: द बुचर ऑफ डेल्ही' में दिखाई गई है। दिल्ली में घटी इस सच्ची घटना पर आधारित डॉक्यूमेंट्री 'इंडियन प्रीडेटर: द बुचर ऑफ डेल्ही' आप नेटफ्लिक्स पर देख सकते हैं।

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