तारक मेहता में आने से पहले दया भाभी कर चुकी हैं ये काम
1. श्वेता तिवारी
लोकप्रिय टीवी अभिनेत्री श्वेता तिवारी को किसी परिचय की जरूरत नहीं है। 43 साल की उम्र में भी उनकी खूबसूरती और अदाकारी में कोई कमी नहीं आई है। अपने करियर की शुरुआत में आर्थिक तंगी के कारण श्वेता ने बी-ग्रेड फिल्मों में काम किया। इन्हीं फिल्मों में से एक है 'सिक्स-एक्स' जिसमें श्वेता ने इंटीमेट सीन दिए थे। आज वह टीवी इंडस्ट्री का एक प्रमुख चेहरा हैं और अपनी एक्टिंग से दर्शकों का दिल जीत रही हैं.
2. कैटरीना कैफ
कैटरीना कैफ का नाम बॉलीवुड की टॉप 5 एक्ट्रेस में आता है। कैटरीना ने 2003 में फिल्म 'बूम' से डेब्यू किया था, जो एक बी-ग्रेड फिल्म थी। उस वक्त कैटरीना की एक्टिंग को लेकर कई सवाल उठे थे, लेकिन उन्होंने खुद को साबित किया और आज वह बॉलीवुड की बड़ी स्टार हैं। उनकी कड़ी मेहनत और प्रतिभा ने उन्हें इंडस्ट्री में शीर्ष स्थान पर पहुंचाया है।
3. दिशा वकानी
टीवी शो 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' में 'दया बेन' के किरदार से मशहूर हुईं दिशा वकानी ने भी अपने करियर की शुरुआत बी-ग्रेड फिल्मों से की थी। दिशा ने 'कास्मीन' जैसी फिल्म की जिसमें उन्होंने इंटीमेट सीन दिए। आज वह एक संस्कारी महिला के रूप में मशहूर हैं और टीवी इंडस्ट्री में अहम स्थान रखती हैं।
4. नेहा धूपिया
फिल्म 'बैड न्यूज' में नजर आईं नेहा धूपिया ने कई बड़ी फिल्मों में काम किया है और आज इंडस्ट्री की लीडिंग एक्ट्रेस में गिनी जाती हैं। लेकिन अपने करियर के शुरुआती दिनों में उन्होंने बी-ग्रेड फिल्मों में भी काम किया। नेहा ने फिल्म 'शीशा' में काफी इंटीमेट सीन दिए थे, जो उनके करियर की शुरुआत की मुश्किल लेकिन अहम कहानी है।
5. अर्चना पूरन सिंह
अर्चना पूरन सिंह ने फिल्मों में अपनी पहचान बनाई है, खासकर 'कुछ कुछ होता है', 'मोहब्बतें' और 'बोल बच्चन' जैसी हिट फिल्मों से। लेकिन अपने करियर की शुरुआत में उन्होंने बी-ग्रेड फिल्मों में भी काम किया। उन्होंने 'रात के गुनाह' और 'जलवा' जैसी फिल्में कीं, जो उस वक्त बी-ग्रेड फिल्में मानी जाती थीं। आज अर्चना पूरन सिंह एक सम्मानित अभिनेत्री हैं और उनके काम की सराहना की जाती है। इन अभिनेत्रियों ने बी-ग्रेड फिल्मों से लेकर बॉलीवुड के बड़े पर्दे तक का सफर तय किया है। उनकी कड़ी मेहनत, संघर्ष और प्रतिभा ने उन्हें आज इंडस्ट्री में शीर्ष पर पहुंचा दिया है। ये कहानियाँ इस बात का प्रमाण हैं कि कठिन शुरुआत के बाद भी सपनों को साकार किया जा सकता है।